आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि पार्टी के संविधान में कुछ सुधार किया गया है. पिछले 9 साल के अनुभव के आधार पर यह देखने में आया है कि हमारे संविधान के कुछ क्लॉज़ पार्टी के आगे बढ़ने में व्यावहारिक दिक्कत पैदा कर रहे थे. खासतौर पर उन राज्यों में जहां पार्टी धीरे-धीरे आगे बढ़ने की तैयारी कर रही है. उसको और व्यवहारिक बनाने के लिए संविधान में कुछ मामले संशोधन किए गए हैं.
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मनीष सिसोदिया ने कहा कि पार्टी के संविधान में जिक्र किया गया गया था कि पार्टी की प्राइमरी यूनिट बूथ लेवल होगी. अब तय किया गया है कि प्राइमरी यूनिट डिस्ट्रिक्ट लेवल पर होगी. एमपी और एमएलए पार्टी की नेशनल काउंसिल के सदस्य होंगे और जिन राज्यों की वह एमपी या एमएलए होंगे, वहां की स्टेट काउंसिल के सदस्य बाई डिफॉल्ट बन जाएंगे.
उन्होंने कहा, ''कुछ मामलों में देखा गया था कि पार्टी में किसी भी कारण से किसी की डेथ हो जाने से या अन्य कारण से कोई पद खाली होता है तो संविधान के मुताबिक उसको तब तक नहीं भरा जा सकता था जब तक अगले चुनाव ना हो, अब यह निर्णय लिया गया है संशोधन करके की नेशनल एग्जीक्यूटिव या स्टेट लेवल पर स्टेट एग्जीक्यूटिव अंतरिम लेवल पर किसी को नियुक्त कर सकेगी, जब तक कि अगला चुनाव ना हो.''
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वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, ''पार्टी के सदस्यों को इस बात की पूरी इजाजत होगी कि वह पार्टी के फोरम पर पार्टी के सदस्यों और उनके व्यवहार के बारे में कोई भी बात रख सकते हैं, लेकिन बाहर उसको रखने पर मनाही होगी, पब्लिक डोमेन में नहीं रखा जाएगा. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर नेशनल काउंसिल की मीटिंग या स्टेट काउंसिल की मीटिंग वैध मानी जाएगी.''
उन्होंने यह भी कहा, ''ऐसे लोग भी पार्टी में जुड़ना चाह रहे हैं जो खुद या उनके परिवार के अन्य सदस्य पहले किसी और पार्टी से चुनाव लड़े हैं. हमारी पार्टी में संविधान है कि किसी भी परिवार से एक ही व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है. ऐसे में जो पहले से पार्टी के मेंबर है उन पर यह संविधान लागू होता है. कुछ लोग ऐसे भी जुड़ना चाहते हैं जिनके परिवार के 2 सदस्य भी चुनाव लड़ना चाहते हैं. ऐसे में उन सदस्यों के लिए पार्टी में विंडो खोला गया है जहां 2 लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं उन्हें शामिल किया जाएगा, लेकिन जो पहले से सदस्य हैं उन पर पुराना संविधान ही लागू रहेगा.'' आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ही हैं.