क्या बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने कर लिया सुसाइड? बेंगलुरु के घर में मिले 4 शव

बेंगलुरु में एक पूरे परिवार का शव मिलने से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. जानिए पुलिस इस मामले की किस एंगिल से जांच कर रही है...

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अनूप कुमार और राखी की बच्चों सहित मौत के मामले की हर एंगिल से पुलिस जांच कर रही है.

बेंगलुरु में एक ही परिवार के 4 लोगों के शव मिले हैं. इनमें पति-पत्नी और उनके दो बच्चे शामिल हैं. मूल रूप से प्रयागराज का रहने वाला ये परिवार बेंगलुरु में सदाशिवनगर थाना क्षेत्र के आरएमवी स्टेज-2 स्थित एक किराए के मकान में पिछले दो सालों से रह रहा था. मरने वालों की पहचान 38 साल के अनूप कुमार, 35 साल की उनकी पत्नी राखी, 5 साल की उनकी बेटी अनुप्रिया और 2 साल के बेटे प्रियांश के रूप में हुई है. अनूप कुमार के एक निजी फर्म में सॉफ्टवेयर कंसल्टेंट के रूप में काम करने के लिए बेंगलुरु में रह रहे थे.

कैसे पता चला?

सोमवार सुबह परिवार की घरेलू सहायिका काम के लिए पहुंची. बार-बार दरवाजा खटखटाने, फोन आदि करने के बावजूद कोई रिस्पांस नहीं मिलने पर घरेलू सहायिका ने पड़ोसियों को मामले की जानकारी दी. फिर पड़ोसियों ने कोशिश की और हारकर पुलिस को सूचना दी. फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ सदाशिवनगर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और जांच शुरू की. पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है. हालांकि, मौतों के पीछे के कारणों का पता लगाया जा रहा है. पुलिस को ये भी पता चला है कि कपल की बेटी अनुप्रिया स्पेशल बच्ची थी. उसे बहुत ज्यादा केयर की जरूरत पड़ती थी. इससे परिवार परेशान रहता था. 

पुलिस ने क्या बताया?

बेंगलुरु सिटी सेंट्रल के डीसीपी शेखर एच टेकनवर ने बताया कि ये परिवार यूपी के प्रयागराज का रहने वाला है. इन लोगों के बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा रही है. पहली नजर में मौत का स्पष्ट कारण पता नहीं चल पाया है. फिलहाल, शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है. 

घरेलू सहायिका ने ये कहा

पुलिस ने घरेलू सहायिका के हवाले से बताया कि रविवार को पूरा परिवार खुश लग रहा था. इस परिवार ने अपने बच्चों के लिए दो कुक और केयर करने वाली सहित तीन महिलाओं को नियुक्त किया था. तीनों को 15,000 रुपये प्रति महीने मिलते थे. घटनास्थल से अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

कहां मिला था धोखा?

सॉफ्टवेयर कंसल्टेंट ने करीब एक महीने पहले ही नौकरी छोड़ दी थी. उसने अपने रिश्तेदार के प्रोजेक्ट में कुछ पैसे लगाए थे, लेकिन वहां भी उसके साथ धोखा हुआ था. वह पुणे जाने की योजना बना रहा था. उनकी बडी बेटी, 5 वर्ष की थी . उसे स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं थीं . इसी समय उस पर ये आर्थिक परेशानियां आ गईं. उसकी पत्नी भी कुछ पारिवारिक मुद्दों के कारण अवसाद से गुजर रही थीं. इन सभी कारकों के कारण यह दुखद घटना हुई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "खुद को मारने से पहले या तो उसने दूसरों को मौत के घाट उतार दिया या उन्हें जहर दे दिया, यह पोस्टमॉर्टम के बाद ही स्पष्ट होगा.

हेल्पलाइन
वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्‍थ 9999666555 या help@vandrevalafoundation.com
TISS iCall 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्‍ध - सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक)
(अगर आपको सहारे की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्‍स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ के पास जाएं)

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