मुंबई-अहमदाबाद हाईवे एक बार फिर से सुर्खियों में है. पिछले दिनों टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. अब सोमवार से मंगलवार के बीच में इसी हाईवे पर आमगांव फ्लाईओवर पर 24 घंटे के बीच दो सड़क दुर्घटनाओं में 6 लोगों की मौत हो गई. खास बात है कि पालघर पुलिस ने इसमें सड़क मरम्मत ठेका कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस सड़क पर इस साल 262 के करीब सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें 62 लोगों की जान गई है.
पुलिस के मुताबिक पालघर में गुजरात सीमा के पास आमगांव नाके पर बने पुल पर 19 सितंबर की शाम हुए पहले हादसे के बाद मनोर से वापी तक की सड़क के रखरखाव का ठेका जिस आरके जैन इंफ्रा कंपनी के पास है, उसे गड्ढा तुरंत भरने के लिए सूचित कर दिया गया था, लेकिन उसने गड्ढा नहीं भरा नतीजा दूसरे दिन पर वहीं एक हादसा हो गया.
पालघर एसपी पुलिस बालासाहेब पाटिल ने कहा कि अभी सूचना देने के बाद भी अगर कुछ काम नहीं हो रहा है, वहां पर तो जो कंसर्न ठेकेदार हैं उसे जिम्मेदार पकड़कर हमने आईपीसी 304A के तहत मामला दर्ज किया है.
इसी अहमदाबाद हाईवे पर 4 सितंबर को टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. सड़क सुरक्षा से जुड़े जानकारों के मुताबिक सूर्या नदी के पुल पर हुआ हादसा सड़क की खराब डिजाइन का नतीजा था. वहां पर 3 लेन की सड़क अचानक से दो लेन में बदल जाती है. मर्सिडीज बेंज कंपनी की प्राइमरी रिपोर्ट के मुताबिक कार चालक को सिर्फ 5 सेकंड का वक्त मिला जो नाकाफी था.
पालघर एसपी ने कहा कि हादसे के ठीक पहले गाड़ी की 100 की स्पीड में थी और जैसे ही उन्हें पता चला कि आगे रुकावट है स्पीड कम कर 5 सेकंड में 89 तक पहुंच गई. टक्कर के समय गति 89 किलोमीटर प्रति घंटा थी. पहले वहां कोई सूचना बोर्ड भी नहीं था. हादसे के बाद अब लगा दिया गया है.
जो सूचना बोर्ड लगे हैं तब नहीं लगे थे. लेकिन हादसे के बाद अब लगा दिए गए हैं. लेकिन खराब डिजाइन को लेकर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. पालघर के एसपी का कहना है सूर्या पुल पर हाई वे पर सड़क की खराब डिजाइन और सूचना बोर्ड नहीं होने की जानकारी पालघर पुलिस ने लिखित में नेशनल हाइवे अथॉरिटी को लिखित में सूचित किया है. ब्लैक स्पॉट की भी जानकारी दी गई है. इसके साथ ही सेंट्रल एजेंसी को सड़क की ऑडिट के लिए भी लिखा गया है.
सेंट्रल एजेंसी ही रोड ऑडिट के लिए अधिकृत और एक्सपर्ट है, उसकी रिपोर्ट आने के बाद अगर सड़क की डिजाइन में खराबी रही, तो हाईवे ऑथोरिटी के साथ मिलकर उसमें सुधार के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी.