"सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में हालात स्थिर हैं लेकिन...", LAC पर तनाव के बीच बोले सेना के अधिकारी

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) आरपी कलिता ने कहा कि LAC को लेकर अलग-अलग धारनाएं हैं, जिसकी वजह से ही कई बार तनाव होता है.

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नई दिल्ली:

भारत-चीन सीम पर चल रहे विवाद के बीच पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) आरपी कलिता ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में हालात स्थित हैं लेकिन सीमा विवाद की वजह से अप्रत्याशित जरूर हैं. बता दें कि भारतीय सेना की पूर्वी कमान ही अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में LAC पर निगरानी रखती है. 

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) आरपी कलिता ने कहा कि LAC को लेकर अलग-अलग धारनाएं हैं, जिसकी वजह से ही कई बार तनाव होता है. हालांकि, फिलहाल अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में हालात स्थिर है लेकिन अप्रत्याशित भी हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सीमाओं पर परिसीमन नहीं है. 

उन्होंने आगे कहा कि भारत सीमा पर होने वाली हर गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं. हम किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. 

कलिता ने कहा कि पूर्वी सीमाओं पर क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए पूर्वी सेना जिम्मेदार है और इस कार्य को हमारे यूनिट और संरचनाओं द्वारा अत्यंत प्रोफेशनल और समर्पण के साथ किया जा रहा है. हम आने वाली चुनौतियों को लेकर लगातार सजग बने हुए हैं. 

गौरतलब है कि कुछ महीने पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पर बदलते हालात को ध्यान में रखते हुए छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में फैली 75 बीआरओ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया था. इनमें 45 पुल, 27 सड़कें, दो हेलीपैड और एक कार्बन न्यूट्रल हैबिटेट शामिल थीं. इनमें से 20 परियोजनाएं जम्मू-कश्मीर संभाग में निर्मित की गई जानी हैं.

वहीं, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में 18-18, उत्तराखंड में पांच और 14 अन्य सीमावर्ती राज्य सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में होनी है. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण बीआरओ द्वारा रिकॉर्ड समय में 2180 करोड़ रुपये की कुल लागत से किया है.

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सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का हो रहा विकास 
राजनाथ सिंह ने कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास तेज गति से हो रहा है. आजादी के बाद लंबे समय तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इसपर काम कर रही है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है. सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग आम लोग नहीं हैं. वे हमारी सामरिक संपत्ति हैं. 

रक्षा तैयारियों को बढ़ावा देंगी ये परियोजनाएं
रक्षा मंत्री ने कहा था कि परियोजनाएं देश की रक्षा तैयारियों को बढ़ावा देंगी और सीमावर्ती क्षेत्रों के आर्थिक विकास को सुनिश्चित करेंगी. आयोजन का मुख्य आकर्षण 14,000 फीट की ऊंचाई पर डी-एस-डीबीओ रोड पर 120 मीटर लंबे क्लास 70 श्योक सेतु का उद्घाटन रहा. पुल सामरिक रूप से अहम है. पूर्वी लद्दाख के हानले और थाकुंग में दो हेलीपैड भी निर्मित किए गए हैं. ये हेलीपैड क्षेत्र में भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएंगे.

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इस अवसर राजनाथ सिंह ने देश की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में बताया था. उन्होंने नई 75 परियोजनाओं को विरासत करार दिया था और कहा था कि ये पुल, सड़क और हेलीपैड देश के पश्चिमी, उत्तरी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों के दूर-दराज के क्षेत्रों में सैन्य और नागरिक परिवहन की सुविधा प्रदान करेंगे.

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