कांग्रेस ने दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर निशाना साधा. पार्टी ने कहा कि सिसोदिया या तो इस्तीफा दें या फिर उन्हें हटाया जाए. कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने आरोप लगाया कि केजरीवाल उपमुख्यमंत्री पद से सिसोदिया को इसलिए नहीं हटा रहे हैं, क्योंकि मामले के तार उनसे जुड़ जाएंगे.
माकन ने आबकारी नीति पर केजरीवाल को बहस की चुनौती भी दी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “केजरीवाल जी से शराब घोटाले की बात करो तो वह शिक्षा की बात करेंगे. हम उनसे कहना चाहते हैं कि वह स्पष्ट करें कि शराब घोटाले पर उनका क्या कहना है.” माकन ने कहा, “केजरीवाल सरकार ने जो शराब की दुकानें खोलीं, उनमें से 90 प्रतिशत से ज्यादा दुकानें आवासीय इलाकों में हैं. यह मास्टर प्लान का उल्लंघन है.”
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उन्होंने कहा, “नगर निगम और डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) इन दुकानों को सील कर सकते थे, लेकिन उन्होंने समय रहते ऐसा नहीं किया. इसलिए भाजपा पर भी सवाल खड़े होते हैं.” कांग्रेस नेता ने दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने शराब माफियाओं के 144 करोड़ रुपये का शराब लाइसेंस शुल्क माफ किया. उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार का मामला है. आम आदमी पार्टी (आप) भ्रष्टाचार हटाने के नाम पर सत्ता में आई थी, लेकिन अब केजरीवाल और सिसोदिया खुद भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं.” माकन ने कहा, “अगर सिसोदिया इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें हटा देना चाहिए. केजरीवाल जी उन्हें नहीं हटा रहे, क्योंकि ऐसा करने बाद इस मामले के तार उनसे जुड़ जाएंगे.”
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 19 अगस्त को सिसोदिया और दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त ए गोपीकृष्ण के आवासों सहित कई स्थानों पर तलाशी थी. इससे पहले, केंद्रीय एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में लाई गई आबकारी नीति को तैयार करने एवं उसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
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