- राजस्थान के सीकर जिले के बेरी गांव में आयोजित राज्यस्तरीय पशु मेले में भैंसा सिंघम विशेष आकर्षण बना हुआ है.
- सिंघम भैंसे की लंबाई दस फीट पांच इंच, ऊंचाई पांच फीट तीन इंच और वजन ग्यारह क्विंटल इक्कीस किलो है.
- सिंघम के पिता भीम बुल की अजमेर मेले में पच्चीस करोड़ रुपए की बोली लगी थी और उसे सीमन कंपनी ने खरीदा था.
ऊपर तस्वीर में आप जिस भैंसे को देख रहे हैं, वो अपने आप में अनमोल है. इसके मालिकों ने इसका नाम सिंघम रखा है. यह सिंघम भैंसा इन दिनों राजस्थान के सीकर में बेरी गांव में आयोजित राज्यस्तरीय पशु मेले में चर्चा का विषय बना हुआ है. अपने नाम के अनुरूप ही सुगठित कद-काठी और छोटे गोल सिंग के साथ अलग ही लोगों को अपनी और आकर्षित रहा है. इस सिंघम भैंसे की लंबाई करीब 10 फीट 5 इंच, ऊंचाई 5 फीट 3 इंच और वजन करीब 11 क्विंटल 21 किलो है. सिंघम से निकलने वाले सीमन से भैंसों का प्रजनन करवाते है और एक सीमन ड्रॉप की कीमत ही 2400 रुपए है.
सिंघम के पिता की 25 करोड़ रुपए की लगी थी बोली
किसान का कहना है कि भैंसे सिंघम की मां भी एक बार में 24 लीटर दूध देती है. वहीं भैंसे सिंघम की देखरेख करने वाले डॉ. मुकेश दुधवाल का कहना है कि सिंघम के फादर का नाम भीम बुल है जो जोधपुर के एक पशुपालक के पास था जिनकी हाल ही में अजमेर पशु मेले में 25 करोड रुपए की बोली लगी थी और जिसे एक सीमन कंपनी ने खरीदा था.
मालूम हो कि सीकर के बेरी गांव में आयोजित राज्य स्तरीय पशु मेला लगातार परवान चढ़ता जा रहा है. पशु मेले सीकर, चुरु, झुन्झनू, नागौर, बीकानेर, अलवर, जयपुर सहित प्रदेश भर से पशुपालक पशु, पशु कारोबारी और किसानों का पशुओं के साथ पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है. पशु मेले में जहां ऊंट-ऊंटनी, घोड़े-घोड़ी सहित अन्य पशु बेचने के लिए पशुपालक लेकर मेले में पहुंचे हैं.
भदवासी गांव के किसान लेकर आए हैं सिंघम
लेकिन इन सभी पशुओं के बीच भदवासी गांव के किसान सुल्तान फगेडिया का एक गहरे काले रंग का चमकदार मुर्रा नस्ल का भैंसा मेले में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. भैंसे सिंघम की देखरेख करने वाले डॉ. मुकेश दुधवाल का कहना है कि सिंघम के फादर का नाम भीम भीम बुल है जो जोधपुर के एक पशुपालक के पास था, जिनकी हाल ही में अजमेर पशु मेले में 25 करोड रुपए की बोली लगी थी और जिसे एक सीमन कंपनी ने खरीदा था.
इसलिए भीम बुल की कीमत से ही आंका जा सकता है कि इस सिंघम पैसे की कीमत करोड़ों में है. हालांकि यह अनमोल है इसलिए अभी तक इसे बेचने का कोई मानस नहीं है. सिंघम को पहली बार ही पशु मेले में लाया गया है. इसका खानपान भी काफी हैवी और अलग ही रहता है.
राज्य भर से पशु मेले में जुटे हैं किसान और व्यापारी
पशु मेले के संयोजक बजरंग सिंह चौहान व मीडिया प्रभारी विजेंद्र काजल का कहना है कि छह दिवसीय पशु मेले का आयोजन बेरी ग्राम पंचायत में किया जा रहा है. जिसमें प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों से किसान और पशुपालक आए हैं. उन्होंने कहा की बेरी गांव का पशु मेला पशु व्यापारियों के लिए भी एक बड़ा केंद्र बना है.