कर्नाटक में सिद्धा Vs शिवकुमार, घमासान के बीच कांग्रेस ने जानें दिया क्या 'समाधान'

दिल्ली में बैठा पार्टी नेतृत्व कर्नाटक के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाए हुए है. दरअसल उपमुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार के समर्थकों ने मुख्यमंत्री बदलने की मांग कर डाली है. जिसके बाद आलाकमान ने संकटमोचक के रूप में रणदीप सुरजेवाला को बेंगलुरु भेजा है.

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कांग्रेस आलाकमान को उम्मीद है कि वह डीके शिवकुमार का समर्थन करने वाले विधायकों को मनाने में सफल होंगे.
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  • कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है.
  • कांग्रेस आलाकमान बोला-सिद्धारमैया को बदलने का फिलहाल सवाल ही नहीं.
  • डीके शिवकुमार मंत्रिमंडल में फेरबदल नहीं चाहते, सिद्धारमैया इसके पक्ष में हैं.
  • आलाकमान ने रणदीप सुरजेवाला को संकटमोचन के रूप में बेंगलुरु भेजा है.
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कर्नाटक में इन दिनों बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है. कांग्रेस सरकार में ही अंदरूनी बगावत जारी है. मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है. सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार? सवाल यह है कि मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए आखिर मुख्यमंत्री कौन होगा. हालांकि इस पर कांग्रेस ने अपना स्टैड क्लियर कर दिया है. कांग्रेस आलाकमान सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया को फिलहाल बदलने का सवाल ही नहीं है. हालांकि डीके शिवकुमार को कैबिनेट में फेरबदल से ही संतुष्ट होना पड़ सकता है. वहीं अब डीके शिवकुमार ने सफाई देते हुए कहा है कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है, हमारी नजर 2028 के चुनाव पर है.

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कर्नाटक के मौजूदा हालात पर आलाकमान की नजर

बता दें कि दिल्ली में बैठा पार्टी नेतृत्व कर्नाटक के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाए हुए है. दरअसल उपमुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार के समर्थकों ने मुख्यमंत्री बदलने की मांग कर डाली है. जिसके बाद आलाकमान ने संकटमोचक के रूप में रणदीप सुरजेवाला को बेंगलुरु भेजा है, हालांकि उनका दावा है कि ये दौरा सिर्फ संगठनात्मक अभ्यास का हिस्सा है.

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कांग्रेस के एक सूत्र के मुताबिक, आलाकमान का ध्यान शासन पर है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि डीके शिवकुमार अपने समर्थकों को बोलने के लिए उकसा रहे हैं. साथ ही उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री को तुरंत बदलने का कोई सवाल ही नहीं उठता. सूत्रों के मुताबिक, राज्य कांग्रेस इकाई और मंत्रिमंडल में अहम बदलाव जरूर हो सकता है. इस मोर्चे पर चर्चा भी हो रही है.

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राज्य कैबिनेट में फेरबदल नहीं चाहते डीके शिवकुमार

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार मंत्रिमंडल में फेरबदल नहीं चाहते. हालांकि, सिद्धारमैया इसेक पक्ष में हैं क्योंकि इससे सरकार के शेष कार्यकाल के लिए उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में और मजबूती मिलेगी. दरअसल उनका कार्यकाल 2028 में समाप्त हो रहा है. सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि डीके शिवकुमार राज्य कांग्रेस प्रमुख के रूप में अपना पद बरकरार रखना चाहते हैं. दरअसल वह पांच साल से इस पद पर हैं. उनके समर्थक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि बदलाव का समय आ गया है. 

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बेंगलुरु पहुंचे रणदीप सुरजेवाला अंसंतुष्ट विधायकों और पार्टी नेताओं से बात करेंगे. आलाकमान को उम्मीद है कि वह उन्हें मनाने में सफल रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया विधायकों के मतभेदों दूर करने की कोशिश के तहत आने वाले दिनों में लंच या डिनर का आयोजन कर सकते हैं. 

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सीएम नहीं बदला तो कांग्रेस की सत्ता वापसी नहीं होगी

बता दें कि डीके शिवकुमार का समर्थन करने वालों में इकबाल हुसैन भी शामिल हैं. उनका दावा है कि 138 में से 100 कांग्रेस विधायक डिप्टी सीएम के समर्थन में हैं. उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर आलाकमान अभी मुख्यमंत्री नहीं बदलता है, तो कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता में वापस नहीं आ सकेगी. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, 'मैं आज निश्चित रूप से मुख्यमंत्री बदलने के मुद्दे पर रणदीप सुरजेवाला से बात करूंगा. अगर अभी बदलाव नहीं हुआ, तो कांग्रेस 2028 में सत्ता में वापसी नहीं कर सकेगी. पार्टी के हित में अभी यह जरूरी है.'

कांग्रेस सरकार 5 साल तक चट्टान की तरह मजबूत रहेगी

सिद्धारमैया ने भी संभावित नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा को खारिज कर दिया है. उन्होंने मैसूर में कहा कि कांग्रेस सरकार पांच साल तक चट्टान की तरह मजबूत रहेगी. जब मीडिया ने उनसे शिवकुमार के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछा, तो उन्होंने एकता दिखाने के लिए उनका हाथ थामा और कहा, "हमारे बीच अच्छे संबंध हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके बीच दरार डालने की कोशिश की जा रही है तो उन्होंने कहा कि हम दूसरों की बात नहीं सुनते.

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