कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर मामला दर्ज हो गया है. भाजपा इस मुद्दे को लेकर सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग कर रही है. इस बीच सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि उन्होंने अपने चार दशकों के राजनीतिक करियर में कुछ भी गलत नहीं किया है. उनके राजनीतिक करियर पर कोई दाग नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है और वह विपक्ष के कहने पर इस्तीफा नहीं देंगे.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि वह अपने करियर के दौरान मुख्यमंत्रीर और केंद्रीय मंत्री रहे हैं, लेकिन व्यक्तिगत लाभ के लिए कभी भी सत्ता का दुरुपयोग नहीं किया. उन्होंने बीजेपी के विरोध को भी खारिज करते हुए कहा, "राजनीति में यह स्वाभाविक है कि पार्टियां विरोध करेंगी... इसलिए उन्हें विरोध करने दीजिए, मैं पाक साफ हूं." सिद्धारमैया ने कहा, "मुझे न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है. एक याचिका दायर की गई है और यह सुनवाई के लिए आ रही है. मुझे अंतरिम राहत और राज्यपाल द्वारा स्वीकृत मामले के रद्द होने का पूरा भरोसा है."
इससे एक दिन पहले गवर्नर के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए सिद्धारमैया ने कहा था, "राज्यपाल का फैसला पूरी तरह से असंवैधानिक है, हम इसे कानूनी रूप से चुनौती देंगे. राज्यपाल इस सरकार को बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं और हटाने की कोशिश कर रहे हैं."
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा अनुमति दिए जाने के विरोध में सोमवार को कांग्रेस ने राज्यव्यापी प्रदर्शन किया. कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालयों में धरना दिया, पैदल मार्च किया और रैलियां आयोजित कीं. उन्होंने राज्यपाल के कदम की निंदा करते हुए हाथों में तख्तियां ले रखीं थी. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के खिलाफ नारे भी लगाए. उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा, "राज्यपाल बिना मतलब का मामला बना रहे हैं। यह लोकतंत्र की हत्या है और हम इसका विरोध करेंगे."
कांग्रेस ने बेंगलुरु, उडुपी, मंगलुरु, हुबली-धारवाड़, विजयपुरा, कलबुर्गी, रायचूर, तुमकुरु और मैसूरु सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किए. मुख्यमंत्री ने कहा है, "मेरे खिलाफ कोई मामला नहीं है और राज्यपाल का फैसला असंवैधानिक है." सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि राज्यपाल केंद्र सरकार के हाथों की कठपुतली बन गए हैं और उनके खिलाफ जांच की मंजूरी देना एक निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने की एक भयावह साजिश के अलावा कुछ नहीं है.
गहलोत ने एमयूडीए भूमि आवंटन ‘घोटाले' के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की शनिवार को मंजूरी दे दी थी. आरोप है कि सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु में प्रतिपूरक भूखंड आवंटित किया गया था, जिसका संपत्ति मूल्य उनकी उस भूमि की तुलना में अधिक था, जिसे एमयूडीए ने ‘अधिगृहीत' किया था.
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