श्रद्धा वालकर हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला ने दिल्ली की एक अदालत में दायर अपनी ज़मानत अर्ज़ी वापस ले ली है. आफताब और उसके वकील के बीच गलतफहमी के चलते जमानत अर्जी वापस ले ली गई. आफताब के वकील एमएस खान ने कोर्ट को बताया कि सोमवार को आफताब से 50 मिनट की लंबी चर्चा के बाद आरोपी ने जमानत याचिका वापस लेने का फैसला किया है. वकील ने कोर्ट को स्पष्ट रूप से बताया कि गलत सूचना के कारण याचिका दायर की गई थी. दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि आफताब पूनावाला को जमानत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि उसके अपराध ने समाज को गहराई से प्रभावित किया है.
आफताब के वकील ने 17 दिसंबर को हुई पिछली सुनवाई के दौरान अपने मुवक्किल से बातचीत करने के लिए समय मांगा था. आफताब अमीन पूनावाला ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दिल्ली की अदालत में पेश होने के दौरान 17 दिसंबर को कहा कि उसे नहीं पता था कि उसकी तरफ से जमानत याचिका दायर की गई है. पूनावाला ने अदालत से कहा कि उसने ‘वकालतनामे' पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन उसे जानकारी नहीं थी कि उसकी ओर से जमानत याचिका दायर की जाएगी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वृंदा कुमारी ने कहा कि जमानत याचिका लंबित रहेगी और जब आरोपी वकील से मिल लेगा, तभी यह फैसला होगा कि जमानत याचिका पेश की जाएगी या नहीं.
उधर, श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आफताब ने ही मेरी बेटी की नृशंस हत्या की है. आफताब को कड़ी से कड़ी सजा हो और उसके घरवालों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए. जैसा मेरी बेटी के साथ किया उसको भी सजा मिलनी चाहिए. मैं चाहता हूं, उसे फांसी की सजा हो. जैसा मेरी बेटी के साथ हुआ ऐसा किसी के साथ ना हो.
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