अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की हत्या कर उसके शव के टुकड़े करने के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दिल्ली की अदालत में पेश होने के दौरान शनिवार को कहा कि उसे नहीं पता था कि उसकी तरफ से जमानत याचिका दायर की गई है. पूनावाला ने अदालत से कहा कि उसने ‘वकालतनामे' पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन उसे जानकारी नहीं थी कि उसकी ओर से जमानत याचिका दायर की जाएगी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वृंदा कुमारी ने कहा कि जमानत याचिका लंबित रहेगी और जब आरोपी वकील से मिल लेगा, तभी यह फैसला होगा कि जमानत याचिका पेश की जाएगी या नहीं.
पूनावाला के हाल में नियुक्त निजी अधिवक्ता एम एस खान ने अपने मुवक्किल से मिलने के लिए समय मांगा है. अदालत ने यह देखते हुए मामले को 22 दिसंबर को आगे की कार्यवाही के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
न्यायाधीश ने कहा कि पूनावाला ने एक ईमेल के माध्यम से अदालत को सूचित किया था कि जमानत अर्जी 'गलती से' दायर कर दी गई है. उन्होंने कहा कि खान को जमानत अर्जी दाखिल करने के लिए प्रदान की गई अनुमति रद्द कर दी गई है.
जब पूनावाला न्यायाधीश के सामने पेश हुआ, तो उन्होंने उससे पूछा कि क्या वह याचिका वापस लेना चाहता है, जिसके बाद आरोपी ने कहा, 'मैं चाहूंगा कि वकील मुझसे बात करें और फिर जमानत याचिका वापस ले लें.'
अदालत ने हाल में नियुक्त विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद से भी पूछा कि क्या पूनावाला को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत में पेश होने की जरूरत है तो उन्होंने हां में जवाब दिया.
पूनावाला की जमानत याचिका बृहस्पतिवार को अदालत में दायर की गई थी.
उसकी न्यायिक हिरासत नौ दिसंबर 14 दिन के बढ़ा दी गई थी.
पूनावाला (28) ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की कथित तौर पर हत्या कर उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए थे और उन्हें राष्ट्रीय राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में फेंक दिया था.
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