प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यसभा के नामित हुए मशहूर वकील उज्ज्वल निकम.
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए महाराष्ट्र के पूर्व सरकारी वकील उज्ज्वल निकम समेत चार सदस्यों को नॉमिनेट किया है.
- उज्ज्वल निकम ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फोन कर राज्यसभा सदस्य बनने की बात कही और मराठी में संवाद किया.
- निकम ने कहा कि भाषा विवाद के बीच हर भाषा का सम्मान जरूरी है और समाज को बांटने वाली साजिशों को रोका जाएगा.
रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए 4 सदस्यों को नॉमिनेट किया है. इनमें महाराष्ट्र के पूर्व सरकारी वकील और लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रहे उज्ज्वल निकम भी शामिल हैं. निकम, 26/11 मुंबई हमला समेत कई हाई-प्रोफाइल मामलों में सरकारी वकील रहे हैं. उज्जवल निकम के अलावा केरल के वरिष्ठ समाजसेवी और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्टर, भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और इतिहासकार व शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन को भी राज्यसभा सांसद के रूप में मनोनित किया गया है.
पीएम मोदी ने उज्ज्वल निकम को किया था फोन
राज्यसभा सांसद के लिए मनोनीत किए जाने के बाद उज्ज्वल निकम ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि शनिवार को उनके पास पीएम मोदी का फोन आया था. फोन पर हुई इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने उज्ज्वल निकम को राज्यसभा सदस्य बनने की बात कही थी.
हिंदी-मराठी भाषा विवाद के बीच पीएम मोदी का बड़ा संदेश
इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने हिंदी-मराठी भाषा विवाद के बीच एक बड़ा संदेश दिया. पीएम मोदी ने उज्ज्वल निकम को फोन करने के बाद उनसे पूछा- हिंदी में बोलूं या मराठी में. फिर पीएम मोदी ने निकम से मराठी में बात की. इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने भाषा विवाद के बीच यह संदेश देने की कोशिश की, हर भाषा का सम्मान होना चाहिए.
पीएम मोदी से हुई बातचीत के बारे में उज्ज्वल निकम ने बताया कि उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति महोदया आपको राज्यसभा में देखना चाहती हैं. वह आपको एक जिम्मेदारी सौंपना चाहती हैं. मैंने तुरंत हामी भर दी.
लोकसभा में भाजपा के टिकट पर चुनाव हारे थे उज्ज्वल निकम
उज्ज्वल निकम ने आगे कहा कि लोकसभा में मेरी हार से लोगों को दुख हुआ था. नड्डा जी, अमित शाह जी और फडणवीस जी ने मुझे समझाया. उन्होंने कहा कि ऐसा जीवन में होता रहता है. उन्होंने कहा कि आगे बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी. मेरा काम देश के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों पर कार्रवाई करना है.
भाषा विवाद पर बोले- कुछ ताकतें समाज को बांट रही है
उन्होंने आगे कहा कि कुछ ताकतें भाषा के नाम पर समाज को बांट रही हैं. हम संविधान के खिलाफ किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देंगे. हमें एकता और अखंडता बनाए रखनी होगी. न्यायाधीश गवई ने कहा कि कई केस सालों तक लंबित रहते हैं. मुझे न्याय व्यवस्था में सुधार की दिशा में काम करना है.
26/11 के साजिशकर्ता को अभी तक फांसी नहीं मिलना दुखदः उज्ज्वल
उज्ज्वल निकम ने आगे कहा कि 26/11 के साजिशकर्ता को अब तक फांसी नहीं मिली है. यह गंभीर और दुखद बात है. संतोष देशमुख के मामले पर मैंने अब तक विचार नहीं किया है. मैं महाराष्ट्र को लेकर बहुत सोचता हूं. जन सुरक्षा बिल समाज को तोड़ने वालों पर लगाम लगाएगा. यह कानून आज की जरूरत है.
राज्यसभा में मुझे अपनी सीमाएं और अधिकार समझने हैंः निकम
उन्होंने आगे कहा कि मुझे पहले राज्यसभा में अपनी सीमाएं और अधिकार समझने हैं. देश मेरे लिए सबसे पहले है. मालूम हो कि राष्ट्रपति द्वारा की गई ये नियुक्तियां उन सीटों के लिए की गई हैं, जो पहले के नामित सदस्यों के सेवानिवृत्त होने से खाली हुई थीं.
राष्ट्रपति को राज्यसभा में 12 सदस्यों को नॉमिनेट करने का अधिकार
भारत के संविधान के अनुच्छेद 80(3) के तहत, राष्ट्रपति को राज्यसभा में 12 सदस्यों को नॉमिनेट करने का अधिकार है. ये सदस्य कला, साहित्य, विज्ञान, सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष योगदान के लिए चुने जाते हैं. इसी के तहत इन चारों सदस्यों को नामित किया गया है.
यह भी पढ़ें - पीएम मोदी ने राज्यसभा के लिए मनोनीत चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को दी शुभकामनाएं