पंकजा मुंडे की हार से सदमे में आए 4 समर्थकों ने किया सुसाइड, परिजनों से मिलकर फूट-फूट कर रोईं पंकजा

पंकजा मुंडे ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करके अपने समर्थकों से अपील की है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जिन युवाओं ने आत्महत्या की, उससे मैं दुखी हूं. जिसको मुझ पर प्यार और विश्वास नहीं है, वह अपनी जान जोखिम में डालेगा.

Advertisement
Read Time: 3 mins
समर्थकों की मौत पर फूट-फूट कर रोईं पंकजा

अक्सर आपने बड़ों को कहते सुना होगा कि हार-जीत तो लगी रहती है, ज्यादा दिल पर नहीं लेना चाहिए... प्रयास करो, आज हार हुई है तो कल जीत भी होगी.... यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन महाराष्ट्र के बीड में हार-जीत दिमाग पर इतनी हावी हो गई कि अब तक चार लोगों ने आत्महत्या कर ली है. दरअसल, यहां से पंकजा मुडे बीजेपी की टिकट पर लड़ी थीं. बीड में बीजेपी का 28 साल का शासन 4 जून को समाप्त हो गया जब पंकजा यहां एनसीपी एसपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरदचंद्र पवार) के बजरंग सोनवाने से हार गईं.  पकंजा के एक और समर्थक ने आत्महत्या कर ली है. बता दें कि परिणाम घोषित होने से अब तक 4 समर्थक आत्महत्या कर चुके हैं. रविवार को गणेश बड़े नाम के शख्स ने खुदकुशी की. मृतक परिवार से मिलकर पंकजा भी अपने जज्बातों पर काबू नहीं रख पाई और फूट-फूट कर रोईं. इससे पहले 7 जून को लातूर का रहने वाला सचिन मुंडे ने जो पंकजा का समर्थक थे, उन्होंने आत्महत्या कर ली. 9 जून को पांडुरंग सोनवणे ने बीड के अम्बाजोगई जीवन समाप्त किया. 10 जून को पोपट वायभसे ने बीड के आष्टी में जान दे दी. 16 जून को गणेश बड़े ने शिरूर कसार में खेत मे जाकर फांसी लगाई. पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों से अपील की है, ऐसा कदम न उठाएं, इसके बावजूद नहीं रुक रहा है आत्महत्या का सिलसिला.

Advertisement

पंकजा ने की थी भावुक अपील
पंकजा ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करके अपने समर्थकों से अपील की है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जिन युवाओं ने आत्महत्या की, उससे मैं दुखी हूं. जिसको मुझ पर प्यार और विश्वास नहीं है, वह अपनी जान जोखिम में डालेगा. मैं लड़ रही हूं और धैर्य रख रही हूं. आप भी सकारात्मक रहें और धैर्य रखें. मैं हार स्वीकार कर ली है, आपको भी इसे स्वीकार करना होगा. अंधेरी रात के बाद ही रोशनी आती है. आप सभी मेरे जीवन की रोशनी हैं, प्लीज सकारात्मक रहें.

Advertisement

पंकजा ने हार स्वीकार करते हुए कही थी ये बात
इस चुनाव में हार स्वीकार करते हुए पकंजा मुंडे ने कहा था कि इस बार चुनाव में जातिगत ध्रवीकरण बहुत था. मेरे पिता के ही समय से ही हमने जाति समुदाय या धर्म से परे जाकर राजनीति की है. बता दें कि 1996 से 2019 तक बीड पर बीजेपी का ही कब्जा रहा. पहले यहां से उनके पिता गोपीनाथ मुंडे चुनाव लड़ते रहे.

Advertisement

क्या पार्टी का फैसला गलत साबित हुआ
इस बार बीजेपी ने दो बार की मौजूदा सांसद प्रीतम मुंडे की जगह उनकी बहन पंकजा मुंडे को टिकट दिया  गया था. बीजेपी को ये भरोसा था कि पंकजा मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच एनसीपी एसपी की चुनौतियों का सामने मजबूती से पार्टी का पक्ष रख पाएंगी. इस वजह से मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों में वोटों का गणित गड़बड़ा गया. हालांकि फाइट बड़ी क्लोज रही. पंकजा को 6.77 लाख और उनके सामने बजरंग सोनवाने को 6.83 लाख वोट मिले.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi Airport Roof Collapse पर Ram Mohan Naidu ने NDTV से कहा: "सभी को तुरंत बाहर निकाला गया"
Topics mentioned in this article