पहले अपनी आबकारी नीतियों के जरिए खुद ही गांव गांव शराब पहुंचाई, अब शराबबंदी करवा रहे हैं नी​तीश: शिवानंद तिवारी

राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने एक बयान में कहा कि नीतीश कुमार के लिए चिंता हो रही है. शराबबंदी को लेकर जिस तरह का उन्माद उनके सर पर सवार है यह स्वस्थ मानसिकता का लक्षण नहीं है.

विज्ञापन
Read Time: 14 mins
नीतीश कुमार के शराबबंदी अभियान पर शिवानंद तिवारी ने निशाना साधा है.
पटना:

बिहार में शराबबंदी विफल है, यह जितना बड़ा सच है उससे बड़ा सच यह है कि अपनी आलोचना की परवाह किए बिना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे सख्ती से लागू करने में जुटे हैं. इसके चलते नीतीश कुमार सरकार ने ताजा निर्णय लिया है जिसके अनुसार अब एडीजी स्तर के अधिकारी भी अगले एक महीने तक “ऑपरेशन न्यू ईयर“ के तहत अलग अलग पुलिस रेंज में कैम्प करेंगे. लेकिन बिहार पुलिस का जैसे ही ये निर्णय सार्वजनिक हुआ कि एडीजी स्तर के दस अधिकारी और आईजी रैंक के दो अन्य पुलिस अधिकारियों को अलग-अलग जगह शराबबंदी को सफल बनाने के लिए और उसके मॉनिटरिंग के लिए भेजा जा रहा हैं, विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना शुरू कर दी.

राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने एक बयान में कहा कि नीतीश कुमार के लिए चिंता हो रही है. शराबबंदी को लेकर जिस तरह का उन्माद उनके सर पर सवार है यह स्वस्थ मानसिकता का लक्षण नहीं है. बिहार देश का सबसे गरीब राज्य है. नीतीश कुमार की विकास नीति ने बिहार में भयंकर गैर बराबरी पैदा की है. एक तरफ घोर गरीबी है तो दूसरी ओर 28 हजार रुपये किलो वाली मिठाई क्विंटल में बीक रही है. 

क्या बीजेपी अब नीतीश कुमार के साथ सरकार में रहने के साथ-साथ आक्रामक विपक्ष की भी भूमिका में है?

Advertisement

शिवानंद ने कहा कि प्रशासन अकर्मण्य बना हुआ है. कल ही लोक सभा में प्रधानमंत्री सड़क योजना की प्रगति की दयनीय हालत की गवाही भारत सरकार की ओर से दिए गए जवाब से ही मिल जाता है. लेकिन अपनी आबकारी नीतियों के जरिए गांव गांव में शराब पहुंचा देने वाले नीतीश कुमार अब आतंकवादी निरोधी दस्ता लगाकर शराबबंदी करवा रहे हैं.

Advertisement

Video: लखीमपुर खीरी केस में विपक्ष का हंगामा, मंत्री को बर्खास्त करने की मांग


 

Featured Video Of The Day
NDTV NRI Punjab News: Amritsar में ब्लास्ट और बवाल से Georgia में 11 पंजाबियों की मौत तक
Topics mentioned in this article