महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली MVA सरकार संकट में नजर आ रही है. शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे और कुछ विधायकों ने विद्रोह कर दिया है. एक तरफ जहां शिवसेना नेताओं की तरफ से शिंदे को मनाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ शिवसेना कार्यकर्ताओं ने एकनाथ शिंदे के खिलाफ मुम्बई के लोवर परेल इलाके में प्रदर्शन किया है. प्रदर्शन के दौरान शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने अपने हाथ मे पोस्टर रखा था जिसमें लिखा था 'गद्दारों को माफी नहीं.'
शिवसेना भवन के बाहर भारी संख्या में शिवसैनिक पहुंचे हुए थे. उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि हम उद्धव ठाकरे के समर्थन में यहां इकट्ठा हुए हैं. उन लोगों ने कहा कि एकनाथ शिंदे ग़द्दार हैं, उन्होंने शिवसेना से ग़द्दारी की है.शिवसेना है तो एकनाथ शिंदे हैं, एकनाथ की वजह से शिवसेना नहीं है. एक अन्य शिवसैनिक ने कहा कि शिंदे को वापस आना ही होगा, बीजेपी ने उन्हें गुमराह किया है. बीएमसी चुनाव से पहले ये सारा खेल बीजेपी की तरफ से किया जा रहा है. शिवसैनिकों का कहना था कि हम नहीं चाहते कि बीजेपी के साथ शिवसेना जाए.
गौरतलब है कि शिवसेना से बगावत करने वाले गुट के नेता एकनाथ शिंदे से पार्टी नेता मिलिंद नार्वेकर और रविद्र फाटक की सूरत में ली मेरिडियन होटल में मुलाकात हुई है. शिंदे के साथ लगभग दो घंटे की बैठक के बाद मिलिंद नारवेकर और रविंद्र फ़ाटक सूरत की ली मेरिडियन होटल से निकले. इस दौरान उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों नेताओं के साथ मुलाकात के बाद एकनाथ शिंदे ने मिलिंद नारवेकर के फोन से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की. यह बातचीत करीब 10 मिनट तक हुई. उद्धव की पत्नि रश्मि ठाकरे से भी शिंदे से बातचीत हुई है.शिंदे ने कहा कि वो पार्टी की भलाई के लिए यह कदम उठा रहे हैं. अब तक उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया है और न ही किसी दस्तावेज़ पर दस्तखत किए हैं. सीएम उद्धव ठाकरे ने शिंदे से विचार कर वापस आने के लिए कहा है. फिलहाल इस बातचीत से कोई हल नहीं निकला है.
ये भी पढ़ें-
- शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की : सूत्र
- एकनाथ शिंदे को चीफ व्हिप पद से हटाया गया, अजय चौधरी बनाए गए नए चीफ व्हिप
- महाराष्ट्र में संकट के बीच डिप्टी सीएम समेत बड़े नेता सीएम उद्धव ठाकरे से मिले
Video :5 की बात: शिवसेना के विधायक हुए नाराज, क्या उद्धव ठाकरे बचा पाएंगे सरकार?