शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां तक नहीं पहुंचते अगर बाल ठाकरे ने उन्हें तब ‘‘बचाया'' नहीं होता जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें ‘‘राजधर्म'' का पालन करने की नसीहत दी थी. उन्होंने कहा कि शिवसेना ने 25-30 वर्षों तक एक राजनीतिक नेतृत्व की रक्षा की, लेकिन वे (भाजपा) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पूर्व सहयोगी शिवसेना और अकाली दल को नहीं चाहते थे.
उन्होंने मुंबई में उत्तर भारतीयों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं भाजपा से अलग हो गया, लेकिन मैंने हिंदुत्व को कभी नहीं छोड़ा. भाजपा हिंदुत्व नहीं है. हिंदुत्व क्या है, उत्तर भारतीय इसका जवाब चाहते हैं. एक-दूसरे से नफरत करना हिंदुत्व नहीं है.''ठाकरे ने भाजपा पर हिंदुओं के बीच नफरत पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘25-30 साल तक शिवसेना ने राजनीतिक मित्रता की रक्षा की. हिंदुत्व का मतलब हमारे बीच गर्मजोशी है. वे (भाजपा) किसी को नहीं चाहते थे. उन्हें अकाली दल... शिवसेना नहीं चाहिए थे.''
ठाकरे ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी को ‘‘राजधर्म'' के पालन की वाजपेयी की नसीहत का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘यह बाला साहेब ठाकरे थे जिन्होंने वर्तमान प्रधानमंत्री को तब बचाया था जब अटलजी (तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी) चाहते थे कि वे ‘‘राजधर्म'' का सम्मान करें. लेकिन बालासाहेब ने यह कहते हुए हस्तक्षेप किया था कि यह समय की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो वह (मोदी) यहां नहीं पहुंच पाते. गौरतलब है कि वाजपेयी ने ‘राजधर्म' की नसीहत वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के बाद दी थी.
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