शिव बारात में झूमे महादेव के भक्त, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का पीएम मोदी कल करेंगे उद्घाटन

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की लागत करीब 800 करोड़ रुपये बताई गई है. करीब सवा 5 लाख स्क्वायर फीट में बने काशी विश्वनाथ धाम को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी कहा जाता है.

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Kashi Vishwanath corridor के उद्घाटन के पहले बनारस में निकली शिव बारात
काशी:

SHIV Barat : काशी विश्वनाथ कॉरिडोर  (Kashi Vishwanath Corridor) के उद्घाटन से पहले वाराणसी में काशी में उत्सव मनाया जा रहा है. इसमें भगवान शिव की बारात निकाली गई. इसमें अलग-अलग भव्य झांकियां भी दिखाई जा रही हैं. बनारस की सड़कों पर रविवार को शिव बारात निकली. इस दौरान आकर्षक वेशभूषा में कलाकार नाचे-गाते और झूमते हुए आगे बढ़ते नजर आए. वैसे तो शिव बारात शिवरात्रि के दिन निकलती है, लेकिन भव्य काशी-दिव्य काशी की थीम पर जो ये भव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन हो रहा है, उसी को लेकर जो उत्सव मनाया जा रहा है, ये शिव बारात उसी का हिस्सा है.

क्या है प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में...

मंदागिन से शुरू हुई ये बारात दशाश्वमेध घाट तक जाएगी. इस बारात में अलग-अलग समूहों के लोग झांकियों के साथ आए हैं. महादेव की बारात में जिस तरह के नर-नारी, भूत-पिशाच और देव और अन्य गण मौजूद थे, उन्हीं की पोशाक और मुखौटे में तमाम कलाकार दिखाई दिए. इसमें देव और असुरों के राजा रथों पर सवार होकर शिव बारात में शामिल हुए. ये सभी हाथों में गदा, तलवार, भाला और अन्य तरह के अस्त्र शस्त्र से सुसज्जित थे.  

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले इस आयोजन के लिए दशाश्वमेध घाट को जाने वाली सड़क के दोनों ओर की इमारतों को अलग भगवा रंग में रंगा गया है. लाल बलुआ पत्थर से सड़क बनाई गई है. धार्मिक प्रतीक चिन्ह और झंडों से पूरे गलियारे को सजाया गया है. शिव बारात को देखने के लिए सुबह से काशी और आसपास के अन्य इलाकों से हजारों लोगों का हुजूम यहां उमड़ा था. 

इस आयोजन की जिम्मेदारी चार दशक से महाशिवरात्रि पर आयोजन करने वाली दारानगर शिव बारात समिति को दी गई थी. उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग भी इसमें सहयोग कर रहा है.गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 13 दिसंबर को ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने वाले हैं.  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कॉरिडोर की परियोजना का पहले कई बार मुआयना किया है.

इस आयोजन के तहत 13 और 14 दिसंबर को गंगा घाटों के साथ बनारस की प्रमुख इमारतों की विशेष रूप से सजावट देखने को मिलेगी और भव्य रोशनी से शहर नहाया हुआ दिखेगा. शहरवासी अपने घरों में दीपक जलाएंगे और काशी के तमाम परिवारों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के प्रारंभ में एक विशालकाय स्वागत द्वार आपको दिखाई देगी. यह द्वार उस विश्वनाथ कॉरिडोर का द्वार खोलता है, जिसकी परिकल्पना पीएम मोदी ने की थी. इसी के चारों ओर पार लगभग 50, 000 वर्ग मीटर में इस इस भव्य कॉरिडोर का निर्माण किया गया. इसका काम अब अंतिम चरण में है और इसके लोकार्पण की तैयारी जोरों पर है. शिव बारात में शंखनाद के साथ मंत्रोच्चार के साथ ढोल-नगाड़ों की धमक दूर-दूर तक सुनाई दे रही थी. मंदागिन से दशाश्वमेध घाट तक इस शिव बारात को देखने के लिए हजारों लोगों का हुजूम भी उमड़ा था. भगवान शिव खुद अनोखी वेशभूषा में डमरू और त्रिशूल लिए हुए दूल्हा बनकर बारात में दिखे. 

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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की लागत करीब 800 करोड़ रुपये बताई गई है. करीब सवा 5 लाख स्क्वायर फीट में बने काशी विश्वनाथ धाम को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी कहा जाता है. इसमें छोटी बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं, अब काशी विश्वनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को तंग और संकरे रास्ते से निजात मिलेगी. पूरी जगह को खूबसूरत लाइटों से सजाया गया है. आस-पास के घरों को एक रंग में रंगा गया है. 

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