शशि थरूर की कांग्रेस के वोटरों से अंतिम अपील, कांग्रेस में बदलाव के लिए साहस जरूरी

शशि थरूर ने कहा कि वे जिन बदलावों के बारे में सोच रहे हैं उनमें पार्टी के ‘मूल्य और निष्ठाएं’ ऐसी ही रहेंगी और केवल लक्ष्य पाने के तरीकों में परिवर्तन आएगा

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कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सोमवार को है, मुकाबला शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच है.
नई दिल्ली:

Congress President Election: मतदाताओं से ‘बदलाव अपनाने' का साहस दिखाने का आह्वान करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने रविवार को कहा कि वह जिन बदलावों के बारे में सोच रहे हैं उनमें पार्टी के ‘मूल्य और निष्ठाएं' ऐसी ही रहेंगी और केवल लक्ष्य पाने के तरीकों में परिवर्तन आएगा. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस समितियों (PCC) के 9,000 से अधिक ‘डेलीगेट्स' (निर्वाचित मंडल के सदस्य) से अपनी ‘अंतिम अपील' में थरूर ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हुए उनके वार्तालापों से उन्हें महसूस हुआ कि कुछ प्रतिनिधियों को बदलाव के बारे में चिंताएं या झिझक हो सकती हैं.

इस चुनाव में थरूर ने जहां खुद को बदलाव लाने वाले उम्मीदवार के रूप में पेश किया है, वहीं अनेक वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के साथ खरगे को ‘अनधिकृत आधिकारिक उम्मीदवार' माना जा रहा है. थरूर ने ट्विटर पर एक वीडियो में अपनी अपील में कहा, ‘‘हमारे जैसे बड़े संगठन में बदलाव को लेकर चिंताएं स्वाभाविक हैं, इसलिए मैं सीधे तौर पर इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं.''

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिन में हमने जो बातचीत की हैं, मैंने महसूस किया कि आपमें से कई ने अभी तक अपना मन नहीं बनाया है (कि किसे वोट देना है). मेरा मानना है कि मेरा विकेंद्रीकरण, आधुनिकीकरण और समावेश का संदेश आपको प्रभावित कर सकता है, लेकिन फिर भी आपके मन में परिवर्तन को लेकर चिंताएं और संकोच हैं.''

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थरूर ने कहा कि कांग्रेस भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण शक्ति रही है क्योंकि जब भी हालात की मांग हुई, वह बदलाव को तैयार रही. उन्होंने 1991 के आर्थिक उदारीकरण का, इंदिरा गांधी जैसी बड़ी नेता के निधन के बाद राजीव गांधी के आने के साथ हुए पीढ़ीगत बदलावों का तथा 1960 और 70 के दशक में हुई हरित क्रांति का उदाहरण दिया.

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कांग्रेस नेता ने कहा कि कई लोग इस बात पर गौर करेंगे कि इन बदलावों के साथ पार्टी मजबूत हुई. उन्होंने कहा कि परिवर्तन आसान नहीं है और इसे अपनाना असहज करने वाला होता है.

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उन्होंने कहा, ‘‘अब कई लोगों के लिए नये को अपनाने का मतलब पुराने को छोड़ना भी हो सकता है. मैं यहां स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं जिस बदलाव को देखता हूं उसमें पुराने लोगों की सोच और नये लोगों की ऊर्जा मिलकर काम करते हैं.''

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थरूर ने कहा, ‘‘हमारे मूल्य और निष्ठाएं पहले जैसे रहेंगे और हमारे साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के तरीके बदलने होंगे.''उन्होंने कहा कि इस बदलाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी साहस है. थरूर ने कहा कि यह मायने नहीं रखता कि अध्यक्ष कौन बनेगा बल्कि विषय यह है कि क्या कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं में बदलाव को अपनाने का साहस है.

थरूर ने कहा, ‘‘परिणाम चाहे जो भी हो, मेरा मानना है कि मुझे मिलने वाला प्रत्येक वोट न केवल पार्टी बल्कि देश के लिए भी संकेत होगा कि कांग्रेस बदलाव चाह रही है और खुद में नयी ऊर्जा भरने तथा भाजपा की विभाजनकारी ताकतों से लड़ने के लिए जो जरूरी है, वह करना चाह रही है. सभी पार्टी कार्यकर्ता और देश के नागरिक आपके जवाब का इंतजार कर रहे हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘जब आप मतदान केंद्र पर अपने गुप्त मतपत्र के साथ होंगे तो आपकी अंतरात्मा और आपके साहस के अलावा अन्य कोई ताकत वहां नहीं होगी.''

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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