बीजेपी में शामिल होने का कोई इरादा नहीं...कांग्रेस नेता शशि थरूर के एक जवाब से खत्‍म हुई हर अटकल 

कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर उन सभी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें कहा जा रहा था कि वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होना चाहते हैं.

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नई दिल्‍ली:

कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर उन सभी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें कहा जा रहा था कि वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होना चाहते हैं. थरूर ने कहा है कि पिछले दिनों एक अंग्रेजी अखबार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर उनके जो भी विचार आए हैं, उसका यह मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि वह बीजेपी में शामिल होने की कोशिशें कर रहे हैं. 

थरूर ने क्‍यों लिखा आर्टिकल 

एक अंग्रेजी अखबार में थरूर का एक आर्टिकल आया था जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और बाकी देशों के साथ उनके जुड़ने की इच्छा से जुड़ा था. थरूर के इस आर्टिकल को पीएमओ की तरफ से भी शेयर किया गया था. थरूर ने कहा है कि इस आर्टिकल को इस रूप में नहीं देखा जाना चाहिए कि वह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि यह आर्टिकल एक ऐसे सपोर्ट के बारे में है जो लोगों को हैरान कर रहा है. उनकी मानें तो यह राष्‍ट्रीय एकता का संदेश है और भारत के लिए खड़े होने के बारे में है. आर्टिकल में थरूर ने पीएम मोदी को एक असेट के तौर पर बताया और उनकी जमकर तारीफ की. साथ ही उन्‍होंने पीएम मोदी के लिए ज्‍यादा से ज्‍यादा समर्थन की अपील भी की. 

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सिंदूर की सफलता का ही जिक्र 

थरूर का यह आर्टिकल ऐसे समय में आया है वह अपनी ही पार्टी के निशाने पर हैं. पार्टी को पीएम मोदी के बारे में उनकी तरफ से की जा रही सकारात्‍मक टिप्‍पणियां पसंद नहीं आ रही है.  थरूर की कई टिप्पणियां ऐसी हैं जो मोदी सरकार की विदेश नीति की तारीफ करती हैं और पार्टी लाइन से उन्‍हें अलग ले जाती हुईं प्रतीत होती हैं. थरूर ने यह भी कहा कि आर्टिकल में सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर की कूटनीतिक पहुंच की सफलता का ही जिक्र किया गया है.  

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चार बार तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद रहे थरूर ने कहा, 'कुछ लोगों को लग रहा है कि मैं प्रधानमंत्री की पार्टी में शामिल होने के लिए अपनी तरफ से कोई संकेत दे रहा हूं और यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. यह सिर्फ राष्‍ट्रीय एकता, राष्‍ट्रीय हित और भारत के लिए खड़े होने का एक बयान है.' थरूर उन कुछ चुनिंदा सांसदों में से एक हैं जिन्हें सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के मिलिट्री एक्‍शन 'ऑपरेशन सिंदूर' ग्‍लोबल डिप्‍लोमैटिक आउटरीच में भाग लेने के लिए चुना गया था. 

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थरूर उस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व कर रहे थे जो अमेरिका समेत चार और देशों में गया था.  प्रतिनिधिमंडल में थरूर की नियुक्ति की वजह से भी पार्टी में उनकी आलोचना हुई थी. कांग्रेस के एक ग्रुप ने तो उन्हें बीजेपी के 'पब्लिसिटी स्‍टंट' का 'सुपर स्‍पोक्‍सपर्सन' तक करार दिया था. 

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खत्‍म होने चाहिए मतभेद 

थरूर ने कहा कि उन्‍होंने जो कुछ भी किया वह देश की सेवा के लिए था. उन्‍हें ऐसा करने का मौका मिला और यह उनके लिए गर्व की बात है. थरूर की मानें तो राजनीतिक मतभेद सीमाओं पर ही खत्म होने चाहिए. उनका कहना था कि 'बीजेपी की विदेश नीति' या 'कांग्रेस की विदेश नीति' जैसी कोई चीज नहीं है. सिर्फ 'भारतीय विदेश नीति' और 'भारतीय राष्‍ट्रीय हित' है.

उनका कहना था, 'लोग हमेशा इन सब बातों को आज की खबरों के संदर्भ में देखते हैं. यह एक ऐसा आर्टिकल है जिसमें मैं इस आउटरीच मिशन की सफलता को विस्‍तार के बारे में बताता हूं जिसने दूसरी बातों के अलावा महत्वपूर्ण राष्‍ट्रीय हित के मामले में सभी दलों की एकता को भी प्रदर्शित किया.' 

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