25 साल बाद शरद और लालू यादव हुए एक, अध्यक्ष पद के लिए हुई थी जबर्दस्त लड़ाई, दो फाड़ हो गया था जनता दल

राजद नेता तेजस्वी यादव ने दिग्गज नेता का अपनी पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि यह भाजपा विरोधी दलों के लिए सरकार के खिलाफ एकजुट होने का संदेश है.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव.
नई दिल्ली:

वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने रविवार को अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों में एकता पर बल दिया. राजद नेता तेजस्वी यादव ने दिग्गज नेता का अपनी पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि यह भाजपा विरोधी दलों के लिए सरकार के खिलाफ एकजुट होने का संदेश है. शरद यादव विगत में तेजस्वी के पिता व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं.

शरद यादव (74) पिछले दिनों स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे. उनके इस कदम को उनके सहयोगियों के पुनर्वास के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि जनता दल (यू) नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अलग होने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनायी थी लेकिन उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा.

उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव राजद के टिकट पर लड़ा था, वहीं उनकी बेटी ने 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ा था. उस समय कांग्रेस राजद नीत गठबंधन में शामिल थी.

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शरद यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि विपक्षी दलों की एकता उनकी प्राथमिकता है. उन्होंने बिहार में भाजपा नीत राजग के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए तेजस्वी यादव की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को देश भर में हाथ मिलाना चाहिए.

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