राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने मंगलवार को तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के अमल पर रोक लगाए जाने और सरकार एवं किसान संगठनों के बीच जारी गतिरोध को हल करने के वास्ते चार सदस्यीय समिति गठित किए जाने के उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के आदेश का स्वागत किया. तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर एक महीने से भी अधिक समय से हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं. पवार ने ट्वीट कर कहा, ''तीन कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाया जाने और मुद्दे को हल करने के वास्ते चार सदस्यीय समिति गठित किए जाने का उच्चतम न्यायालय का आदेश स्वागत योग्य है.''
कृषि कानूनों के विरोधी हों या समर्थक, सभी किसान समिति के सामने अपना पक्ष रखें: सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने तीन नये कृषि कानूनों को लेकर सरकार और दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे रहे किसानों की यूनियनों के बीच व्याप्त गतिरोध खत्म करने के इरादे से मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगाने के साथ ही किसानों की समस्याओं पर विचार के लिये चार सदस्यीय समिति गठित कर दी.
पीठ ने इस समिति के लिये भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान, शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घन्वत, दक्षिण एशिया के अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ प्रमोद जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी के नामों की घोषणा की.