भारत के शीर्ष पद के लिए 18 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार बनने की संभावनाओं के बीच शरद पवार राष्ट्रपति पद की दौड़ का ऑफर ठुकरा सकते हैं. शरद पवार ने सोमवार शाम मुंबई में अपनी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की एक बैठक में कथित तौर पर कहा, "मैं दौड़ में नहीं हूं, मैं राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार नहीं बनूंगा." हालांकि 81 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस को अपने इनकार से औपचारिक रूप से अवगत नहीं कराया, जो कथित तौर पर पिछले सप्ताह इसका ऑफर लेकर पवार के पास पहुंचे थे.
सूत्रों के मुताबिक- पवार बहुत इच्छुक नहीं दिख रहे, क्योंकि उन्हें विश्वास नहीं है कि विपक्ष उम्मीदवारी को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक संख्या जुटा लेगा. वह एक हारी हुई लड़ाई लड़ने के इच्छुक नहीं है. हाल के राज्यसभा चुनावों में विपक्ष को बड़ा झटका लगा है. खासकर महाराष्ट्र में जहां भाजपा ने शिवसेना के संजय पवार को हराकर एक सीट हासिल की है. भाजपा अपने उम्मीदवार को कई निर्दलीय विधायकों द्वारा निर्वाचित कराने में सफल रही, जिन्होंने शिवसेना को समर्थन देने का वादा किया था.
शरद पवार के महाराष्ट्र में सहयोगी कांग्रेस और शिवसेना कथित तौर पर उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की आम सहमति के उम्मीदवार के रूप में चाहते हैं. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी के मैसेज के साथ पिछले गुरुवार को पवार से उनके मुंबई स्थित आवास पर मुलाकात की थी, रविवार को एनसीपी नेता को अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह का फोन भी उनके पास आया था. मल्लिकार्जुन खड़गे ने शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से भी बात की थी.
कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी संपर्क किया था, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक संयुक्त रणनीति पर चर्चा करने के लिए बुधवार को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में विपक्ष की बैठक बुलाई है. खड़गे ने भी बनर्जी से फोन पर बात की थी.
गौरतलब है कि भारत के अगले राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को चुनाव होंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है.