महाराष्ट्र में अजित पवार की बगावत के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर कब्जे को लेकर जंग छिड़ी है. शरद पवार (Sharad Pawar) ने चुनाव आयोग (Elections Commision) को चिट्ठी लिखकर सवाल किया है कि उन्हें अजित पवार (Ajit Pawar)के पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा ठोकने की जानकारी क्यों नहीं दी गई? शरद पवार ने गुरुवार एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग की और इसमें खुद को पार्टी का अध्यक्ष बताया. वहीं, खुद को एनसीपी अध्यक्ष घोषित कर चुके अजित पवार ने इस मीटिंग को गैरकानूनी बताया है. उन्होंने कहा कि मामला चुनाव आयोग में है. ऐसे में इस मीटिंग की कोई वैधता नहीं है. इसमें लिए गए फैसले मान्य नहीं होने चाहिए.
शरद पवार ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी में कहा, "उम्मीद है कि आयोग उनके द्वारा दायर की गई कैविएट के मद्देनजर उन्हें उनके भतीजे की याचिका के बारे में सूचित करेगा." सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार एनसीपी में दावे को लेकर कानूनी सलाह लेंगे और आगे की रणनीति के बारे में पार्टी नेताओं से चर्चा करेंगे.
मैं ही पार्टी का अध्यक्ष-शरद पवार
बैठक के बाद शरद पवार ने कहा- "पार्टी का अध्यक्ष मैं ही हूं. कौन क्या कह रहा है ये मुझे नहीं पता. किसी और के कुछ कहने की अहमियत नहीं है. उनके दावों में कोई सच्चाई नहीं है. पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के मुद्दे पर NCP चुनाव आयोग से संपर्क करेगी. आज की बैठक से हमारी हिम्मत बढ़ी है."
उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता-शरद पवार
रिटायरमेंट को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, "82 हो या 92, उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं पार्टी को फिर से खड़ा करूंगा. मैं अभी भी इफेक्टिव हूं. अगर कोई (अजित पवार) मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं है. मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं."
एनसीपी ने 9 विधायकों को किया निष्कासित
एनसीपी कार्यकारिणी की मीटिंग के बाद पीसी चाको ने जानकारी दी कि बैठक में नेताओं ने शरद पवार पर भरोसा जताया है. पार्टी की सभी 27 राज्य इकाइयां शरद पवार के साथ हैं. मीटिंग में 8 प्रस्ताव पास हुए हैं. सरकार में शामिल होने वाले 9 विधायकों को पार्टी से निकाल दिया गया है.
अजित पवार ने 30 जून को ही खुद को घोषित किया था एनसीपी अध्यक्ष
अजित पवार गुट का दावा है कि उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के दो दिन पहले एनसीपी की बैठक बुलाई थी. इसमें अजित पवार को पार्टी अध्यक्ष घोषित किया था. उन्होंने इस दौरान उपस्थित पार्टी के 40 नेताओं- सांसदों, विधायकों और एमएलसी के हलफनामों के साथ चुनाव आयोग को इसकी सूचना भी भेज दी थी.
अजित पवार को अब तक 32 विधायकों का समर्थन
इसके आधार पर रविवार को अजित पवार ने पोल पैनल के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम और प्रतीक के लिए दावा पेश किया है. आयोग द्वारा उनके दावे पर विचार करने से पहले उन्हें पार्टी के कुल 53 विधायकों में से दो-तिहाई बहुमत यानी 36 विधायकों की जरूरत है. अब तक उन्हें 32 विधायकों का समर्थन मिलता दिख रहा है. जबकि शरद पवार को 14 विधायकों का समर्थन हासिल है.
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