पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी भारत के खिलाफ लगातार आग उगलते रहे हैं. पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद अफरीदी ने भारत के विरोध में कोई कसर नहीं छोड़ी थी और भारतीय सेना को भी अपशब्द कहे थे. हालांकि उसी शाहिद अफरीदी का दुबई में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान केरल समुदाय के लोगों ने जोरदार स्वागत किया. इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर बवाल छिड़ गया है. लोग कार्यक्रम के आयोजक कोचीन यूनिवर्सिटी बीटेक एलुमनी एसोसिएशन के खिलाफ जमकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं. हालांकि अब ऐसोसिएशन ने अपनी सफाई दी है और माफी मांगी है. कार्यक्रम में अफरीदी के साथ पूर्व क्रिकेटर उमर गुल भी थे.
क्या है पूरा मामला
दुबई में 25 मई को ओरमचुवदुकल सीजन-2 नाम से एक अंतरमहाविद्यालयीय डांस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. इसका आयोजन कोचीन यूनिवर्सिटी बीटेक एलुमनाई ऐसोसिएशन ने किया था. आयोजकों ने कार्यक्रम स्थल के लिए पाकिस्तान एसोसिएशन दुबई (Pakistan Association Dubai) के सभागार को चुना था.
इस कार्यक्रम में शाहिद अफरीदी और उमर गुल पहुंचे थे. इस घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें दोनों अंदर आते हैं और लोग उनका जबरदस्त स्वागत करते नजर आते हैं.
इस वीडियो को देखने से पता चलता है कि दोनों सीधे मंच पर पहुंचते हैं. इस दौरान लोग बूम-बूम के नारे लगाते रहते हैं. मंच पर दोनों की उपस्थिति के दौरान लोगों को रिएक्शन हैरान करने वाला है. इस दौरान शाहिद अफरीदी लोगों को संबोधित भी करते हैं.
आयोजकों ने क्या कहा
पाकिस्तान एसोसिएशन दुबई के सभागार को कार्यक्रम स्थल के रूप में चुनने के लिए भी सवाल उठ रहे हैं. इन सब सवालों को लेकर आयोजकों ने अपनी सफाई दी है. कोचीन यूनिवर्सिटी बीटेक एलुमनाई ऐसोसिएशन ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट के जरिए कहा-
- पीएडी को 5 अप्रैल को ही बुक कर लिया गया था. हमारे कार्यक्रम के समय राजनयिक तनाव पहले ही कम हो चुका था. कम समय में वैकल्पिक स्थान की अनुपलब्धता के कारण हमने पीएडी दुबई में निर्धारित कार्यक्रम को आगे बढ़ाया.
- 25 मई को हमारे कार्यक्रम के दिन ही दोनों क्रिकेटरों ने हाथ के निशान वाले यूएई के सबसे बड़े झंडे के गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाने के कार्यक्रम में पहुंचे थे. यह झंडा उस ऑडिटोरियम के मुख्य प्रवेश द्वार पर लगाया गया था, जहां हमारा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था.
- हमारा कार्यक्रम समाप्त होने के बाद दोनों क्रिकेटर बिना किसी घोषणा के अनचाहे रूप से आ गए. हम साफ तौर पर यह बताना चाहते हैं कि हमारी आयोजन टीम, अधिकारियों या किसी भी एल्युमिनाई मेंबर ने उन्हें आमंत्रित नहीं किया. कार्यक्रम की सूची में भी यह शामिल नहीं है, जो इस बात की पुष्टि करता है.
- उनकी यात्रा की आश्चर्यजनक प्रकृति को देखते हुए हम उस छोटी सी अवधि में उनकी पहुंच को प्रतिबंधित करने या भीड़ की प्रतिक्रिया को उचित रूप से प्रबंध करने में असमर्थ थे.
- उपस्थित लोगों, प्रतिभागियों या समर्थकों को हुई किसी भी परेशानी या असुविधा के लिए हमें खेद है. हमारे कार्यों से जो भी चोट या अपमान हुआ है, उसके लिए हमें गहरा खेद है. हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं था और हम प्रभावित लोगों से ईमानदारी से माफी मांगते हैं.
लोगों की तीखी प्रतिक्रिया
आयोजकों की ओर से अपनी सफाई देने और माफी मांगने के बावजूद लोगों की नाराजगी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. सोशल मीडिया पर भारतीय सेना के एक रिटायर लेफ्टिनेंट कर्नल ने लिखा कि यह देखकर मेरा सिर शर्म से झुक जाता है और खून उबलने लगता है. सीमा पर तैनात यह देखेगा तो क्या सोचेगा.
एक अन्य शख्स ने इसे बेहद शर्मनाक घटना बताया है.
वहीं एक अन्य ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बताते हुए कहा कि इस सभागार में उपस्थित भारतीयों के पासपोर्ट रद्द किए जाएं और उन्हें पाकिस्तान की नागरिकता लेने दी जाए.
इसलिए है नाराजगी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त तनाव है और ऐसे दौर में हमेशा से भारत के खिलाफ आग उगलने वाले शाहीद अफरीदी का ऐसे किसी कार्यक्रम में भारतीयों द्वारा स्वागत लोगों को नागवार गुजरा है.
शाहिद अफरीदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना को लेकर सवाल उठाए थे. साथ ही भारत पर खुद आतंकवाद को अंजाम देने का आरोप तक मढ़ दिया था. पहलगाम हमले के बाद भी उन्होंने बहुत कुछ कहा था. यही कारण है कि अफरीदी के साथ ही आयोजकों के खिलाफ भी लोगों का गुस्सा फूट रहा है.