जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के लिए आज 24 सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में यूं तो कई दिग्गज मैदान में है. लेकिन इसके बावजूद एक नाम ऐसा भी है, जिसका भले ही कोई बड़ा रसूख ना हो, मगर फिर भी उसकी चर्चा हो रही है. ये नाम है शगुन परिहार. बीजेपी ने किश्तवाड़ से शगुन परिहार (Shagun Parihar) को उम्मीदवार बनाया है. शगुन परिहार ने वोट डालने से पहले अपने घर पर पूजा-अर्चना की. शगुन परिहार के पिता अजीत परिहार और चाचा अनिल परिहार की नवंबर 2018 में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
मेरा जहां उजाड़ दिया, किसी और के साथ...
वोटिंग के दिन शगुन परिहार ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि मेरे लिए पहला मुद्दा तो सिक्योरिटी का रहेगा, क्योंकि मैं नहीं चाहती कि जो शगुन परिहार के साथ हुआ वो किसी और के साथ हो. इसलिए मैं चाहूंगी यहां हर बेटी के सिर पर पिता का साया रहें. बेटियों के लिए उनके पिता मुकम्मल जहां की तरह होते हैं. जिस तरह इन्होंने मेरा जहां उजाड़ दिया. मैं बिल्कुल नहीं चाहूंगी कि किसी और के साथ ऐसा हो
शगुन परिहार के चाचा भारतीय जनता पार्टी के नेता थे. शगुन भाजपा नेता अनिल परिहार की भतीजी हैं. हिजबुल मुजाहिद्दीन ने एक आतंकी हमले में अनिल परिहार की हत्या कर दी थी. इसी आतंकी हमले में शगुन के पिता की भी मौत हो गई थी. परिहार ने टिकट मिलने के बाद इसे भावुक लम्हा बताते हुए कहा था, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इस तरफ (राजनीति में) आ सकती हूं. चीजें कैसे आपकी किस्मत बदल देती हैं. यह हम सभी के लिए बहुत भावुक क्षण है, जब पार्टी ने मेरी उम्मीदवारी की घोषणा की है. ''
जब शगुन के पिता, चाचा की आतंकियों ने की हत्या
भारतीय जनता पार्टी नेता अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार की एक नवंबर 2018 को जम्मू संभाग के किश्तवाड़ में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में भाजपा के प्रदेश सचिव अनिल परिहार अपने भाई अजीत परिहार के साथ घर लौट रहे थे. उस वक्त गली में अंधेरा छाया हुआ था. तभी उन्हें पिस्तौल से गोली मार दी गई. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. हालांकिइस हमले के बाद नौ अक्टूबर 2019 को ही सुरक्षाबलों ने रामबन के बटोल इलाके में चार आतंकियों को ढेर कर दिया था. इसमें परिहार बंधुओं के हत्यारे आतंकी भी शामिल थे.
शगुन के बारे में क्या बोल चुके हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने शगुन को टिकद देने पर कहा था कि शगुन मंच पर बैठी हैं, जिनके पिता और चाचा को आतंकवादियों ने मार डाला. भाजपा ने आतंकवाद की शिकार इस बेटी को टिकट दिया है, वह न केवल एक उम्मीदवार हैं, बल्कि आतंकवाद (जम्मू-कश्मीर से) को जड़ से उखाड़ फेंकने के हमारे दृढ़ संकल्प की जीती-जागती तस्वीर हैं.'' उन्होंने कहा कि भाजपा जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद मुक्त और पर्यटकों के लिए स्वर्ग बनाना चाहती है. मुझे पुराने दिन याद आ रहे हैं, खास तौर पर भदेरवाह, जहां आतंकवाद के बाद फिल्मों की शूटिंग प्रभावित हुई थी क्योंकि फिल्म निर्माताओं ने इस जगह आना बंद कर दिया था.
घाटी में 370 हटने के बाद ये पहले विधानसभा चुनाव
घाटी में पहले चरण में 24 सीटों पर 219 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. घाटी में आतंकी हमले को देखते हुए सुरक्षा तैयारियां बेहद पुख्ता की गई हैं. घाटी में 370 हटने के बाद ये पहले विधानसभा चुनाव है, ऐसे में इस चुनाव की अलग अहमियत है. इस बार यहां विधानसभा चुनाव करीब 10 साल बाद यहां चुनाव हो रहे हैं. जम्मू कश्मीर की 24 विधानसभा सीटों में कश्मीर घाटी की 16 जबकि जम्मू संभाग की आठ सीटों पर मतदान हो रहा है. कश्मीर की 16 सीटों में से भाजपा सिर्फ आठ सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इन सीटों पर कांग्रेस-नेकांफ्रेंस गठबंधन, पीडीपी सहित कई अन्य दलों के उम्मीदवार चुनाव को रोचक बना रहे हैं.