नए साल की शुरुआत से ही दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. दिल्ली में रविवार सुबह भीषण शीतलहर का प्रकोप रहा. शहर के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले दो साल में राष्ट्रीय राजधानी में जनवरी के महीने में दर्ज सबसे कम तापमान है. उत्तर-पश्चिम भारत और देश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में कोहरे की मोटी परत छाई रही, जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित हुआ.
घने कोहरे के कारण सुबह साढ़े पांच बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास पालम वेधशाला में दृश्यता घटकर 50 मीटर रह गई. दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड ने ट्वीट किया कि कैट-III श्रेणी के अनुरूप न होने वाली उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं. यात्रियों को उड़ानों के संबंध में अद्यतन जानकारी के लिए संबंधित विमानन कंपनी से संपर्क करने की सलाह दी गई है. उत्तर रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि कोहरे के कारण 42 ट्रेन एक घंटे से पांच घंटे की देरी से चल रही हैं.
मौसम कार्यालय के मुताबिक, दृश्यता जब शून्य से 50 मीटर के बीच रह जाती है तो उस समय ‘बहुत घना' कोहरा होता है. वहीं, 51 से 200 मीटर के बीच दृश्यता की स्थिति में ‘घना', 201 से 500 मीटर के बीच ‘मध्यम' और 501 से 1,000 मीटर के बीच दृश्यता की स्थिति में ‘हल्का' कोहरा होता है. दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत में बर्फ से ढंके पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवाओं के चलते लोधी रोड, आयानगर, रिज और जाफरपुर के मौसम केंद्रों में न्यूनतम तापमान क्रमशः 2.8 डिग्री सेल्सियस, 2.6 डिग्री सेल्सियस, 2.2 डिग्री सेल्सियस और 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
शनिवार को सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अधिकांश स्थानों और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिल स्टेशनों की तुलना में कम था. वहीं, भीषण शीतलहर के कारण मध्य दिल्ली के रिज मौसम केंद्र में न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था. राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को कई स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम सात डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया, जिससे यह कड़ाके की ठंड वाला दिन बन गया. बढ़ती ठंड से बिजली आपूर्ति ग्रिड पर दबाव बढ़ रहा है और इससे बेघरों और पशुओं के सामने चुनौती भी पैदा हो रही है.
दिल्ली में सर्दियों में बिजली की मांग शुक्रवार को बढ़कर रिकॉर्ड 5,526 मेगावाट पर पहुंच गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कुछ स्थानों पर कृषि, पशुधन, जल आपूर्ति, परिवहन और बिजली क्षेत्र पर प्रभाव पड़ने की चेतावनी दी है. मौसम कार्यालय ने यह भी कहा कि लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से ठंड लग सकती है और किसी को कंपकंपी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जो इस बात का पहला संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है और घर के अंदर रहना चाहिए.
परामर्श में कहा गया है, ‘‘विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखने के लिए पर्याप्त गर्म तरल पदार्थ पिएं. बाहरी गतिविधियों में शामिल होने से बचें या उन्हें सीमित करें.'' मौसम विभाग ने रविवार को दिल्ली सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों के लिए ‘‘ऑरेंज'' अलर्ट जारी किया है, जिसमें घने कोहरे, दिन में ठंड और शीत लहर की स्थिति बनी रहने की चेतावनी दी गई है. आईएमडी ने कहा कि राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ इलाकों में आठ जनवरी को शीत लहर से भीषण शीत लहर की स्थिति जारी रहने का अनुमान है.
हालांकि, एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से कुछ दिनों के बाद सर्दी से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है. मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस या 10 डिग्री सेल्सियस और सामान्य से 4.5 डिग्री कम रहने पर मौसम कार्यालय शीत लहर की घोषणा करता है. गंभीर शीत लहर की स्थिति तब होती है, जब न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है. वहीं, ठंडा दिन तब माना जाता है, जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री कम होता है. अत्यधिक ठंडा दिन तब होता है, जब अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 6.5 डिग्री सेल्सियस घट जाता है.
उत्तर-पश्चिमी भारत और देश के मध्य तथा पूर्वी हिस्सों में कोहरे की घनी चादर छाई रही, जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित हुआ. कश्मीर फिलहाल 40 दिनों की भयंकर सर्दी ‘चिल्लई-कला' की गिरफ्त में है. पूरा राजस्थान कड़ाके की ठंड की चपेट में है. राज्य के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. मौसम विभाग के मुताबिक, एक नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होने और लोगों को अति शीतलहर, घने कोहरे व शीतदिन के दौर से राहत मिलने की संभावना है.
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