सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India), जो देश में कोवोवैक्स (Covovax) नाम से नोवावैक्स की COVID-19 वैक्सीन (Novavax's COVID-19 vaccine) का उत्पादन करने की तैयारी कर रहा है, अगले महीने बच्चों पर वैक्सीन का परीक्षण शुरू कर सकता है. कंपनी के सूत्रों ने गुरुवार को एनडीटीवी को ये जानकारी दी है.
अमेरिका स्थित नोवोवैक्स ने सोमवार को कहा था कि उसका COVID-19 वैक्सीन अमेरिका और मैक्सिको में देरी से क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया जिसकी प्रभावशीलता 90 प्रतिशत से अधिक है. भारत में वयस्कों पर क्लीनिकल ट्रायल मार्च में शुरू हुए थे.
सरकार इस वैक्सीन पर भरोसा कर रही है. इसके बाजार में सस्ते विकल्पों में से एक होने की उम्मीद है. कोरोनावायरस की विनाशकारी दूसरी लहर की वजह से वैक्सीन की कमी दिखी, और उसका निर्यात बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस कमी की भरपाई करने में भी यह मदद कर सकता है.
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केंद्र के कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने बुधवार को एनडीटीवी को बताया, "नोवावैक्स बहुत ही रोमांचक है. पिछले एक हफ्ते में, इसने हलचल पैदा कर दी है क्योंकि भारत एक साल में लगभग एक अरब डोज का निर्माण करने जा रहा है. यह 90 प्रतिशत वैक्सीन प्रभावशीलता के साथ सरल और सस्ता होने जा रहा है."
भारत में इस वैक्सीन के सितंबर में लॉन्च होने की उम्मीद है. सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा भारत में बनने वाला यह दूसरा कोरोनावायरस वैक्सीन है. इससे पहले कंपनी ने कोविशील्ड वैक्सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा फर्म एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी में विकसित किया है.