लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक झटका लगा है क्योंकि पंजाब से पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक राजकुमार चब्बेवाल ने शुक्रवार को पार्टी छोड़ दी और राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए. चब्बेवाल (54) ने होशियारपुर जिले के चब्बेवाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक के तौर पर भी इस्तीफा दे दिया है. प्रमुख दलित नेता चब्बेवाल पंजाब विधानसभा में विपक्ष के उपनेता थे. वह यहां आप में शामिल हुए और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनका पार्टी में स्वागत किया.
चब्बेवाल एक सप्ताह के भीतर आप में शामिल होने वाले पंजाब से कांग्रेस के दूसरे नेता हैं. बस्सी पठाना से कांग्रेस के पूर्व विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी हाल ही में आप में शामिल हुए थे. आप चब्बेवाल को होशियारपुर संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतार सकती है. आप ने बृहस्पतिवार को राज्य की 13 लोकसभा सीटों में से आठ के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी.
पंजाब के मंत्रियों हरपाल सिंह चीमा और गुरमीत सिंह मीत हेयर की मौजूदगी में यहां पत्रकारों से बात करते हुए चब्बेवाल ने कहा कि वह आप सरकार की जन-समर्थक नीतियों, खासकर गरीबों और कमजोर वर्गों के लिए नीतियों, से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि आप सरकार डॉ. बी आर आंबेडकर और शहीद भगत सिंह के रास्ते और आदर्शों पर चल रही है. उन्होंने कहा कि आप सरकार का मुख्य जोर शिक्षा और स्वास्थ्य है और इन क्षेत्रों में कई कदम उठाए गए हैं.
आप की प्रदेश इकाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि चब्बेवाल के शामिल होने से पार्टी और मजबूत हुई है. आप ने मान द्वारा चब्बेवाल का स्वागत किये जाने की तस्वीरे भी पोस्ट की. चब्बेवाल ने कांग्रेस के टिकट पर होशियारपुर से 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सोम प्रकाश से हार गए थे. वह अतीत में विभिन्न मोर्चों पर आप सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था कि पंजाब बढ़ते कर्ज और नशीली दवाओं की समस्या सहित गंभीर मुद्दों का सामना कर रहा है.
पंजाब विधानसभा के हाल ही में आयोजित बजट सत्र में, चब्बेवाल ने राज्य के बढ़ते कर्ज को प्रतीकात्मक तरीके से रेखांकित करने के लिए अपने सिर पर एक गठरी रखी थी. एक अन्य प्रतीकात्मक कदम के तौर पर उन्होंने आप विधायकों से खुद को अपने घरों तक सीमित रखने का आग्रह करने के लिए सदन में लोहे की जंजीर भी लेकर आये थे और कहा था कि वह दिन दूर नहीं जब लोग कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए उनके खिलाफ नारे लगाना शुरू कर देंगे. जब चब्बेवाल से कहा गया कि वह एक गठरी और एक लोहे की जंजीर लेकर आए थे, तो उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ये प्रतीकात्मक संकेत थे और एक विपक्षी सदस्य के रूप में विरोध प्रदर्शन करना उनका अधिकार है.