यात्री जल्द ही अलग-अलग ट्रे में लैपटॉप, फोन और चार्जर रखे बिना हवाईअड्डे की सुरक्षा जांच से गुजर सकेंगे. इससे एयरपोर्टों पर भीड़ कम होगी. बुधवार को इस आशय की खबरें आई हैं. अखबार द हिंदू के अनुसार एविएशन सिक्योरिटी वॉचडॉग और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) एक महीने के भीतर एक आदेश जारी करने के लिए तैयार है, जिसके तहत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को हटाए बिना आधुनिक उपकरणों के जरिए तेजी से जांच की जाएगी.
अमेरिका और यूरोप के कई हवाईअड्डों पर पहले से ही इस्तेमाल किए जा रहे नए बैगेज स्कैनर में यात्रियों को अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों या जैकेट को निकालने की जरूरत नहीं होती है.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक अधिकारी ने पिछले सप्ताह समाचार पत्र हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से कहा था, "हमारा उद्देश्य यात्रियों को तेजी से बेहतर सुरक्षा उपकरणों से जांच करके निकालना है."
रिपोर्ट में कहा गया है कि नई मशीनें पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर स्थापित की जाएंगी और एक साल के भीतर अन्य हवाई अड्डों पर लगा दी जाएंगी.
पिछले सप्ताह हवाई यात्रियों की संख्या में भारी उछाल के चलते व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल हुआ था. इसके बाद यह कदम उठाया गया. भारी भीड़ के कारण देश के कुछ सबसे व्यस्त हवाईअड्डों पर अधिक कर्मचारियों और सुरक्षा उपकरणों की जरूरत महसूस की गई.
दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के मुख्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टर्मिनलों पर चेक-इन और सिक्योरिटी चेक से गुजरने के लिए यात्रियों की घंटों कतार लगी रही. इससे कुछ उड़ान में देरी हुई.
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हवाई अड्डे का दौरा किया और कहा कि टर्मिनल 3 में और एक्स-रे मशीनें लगाई जाएं और अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए जाएं. उन्होंने कहा कि मुंबई और बेंगलुरु सहित अन्य हवाई अड्डों पर भी अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं.
सिंधिया ने कहा, "पिछले 24 से 36 घंटों में सभी एजेंसियां, सभी प्रमुख हवाईअड्डों पर प्रत्येक चेकपॉइंट पर भीड़ को कम करने के लिए कार्रवाई में जुट गई हैं. टी3 पर एंट्री पॉइंट और चेक-इन काउंटरों पर भीड़ कम हो गई है."
कोविड-19 से संबंधित प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद अन्य देशों की तरह भारत में भी हवाई यात्रा में तेजी आई है. दिसंबर दुनिया भर में विमानन क्षेत्र के लिए एक व्यस्त महीना होता है. कोविड महामारी के कारण दो साल से प्रतिबंध लगे होने के बाद इस साल हवाई यातायात अधिक होने की उम्मीद है.