असम में उस जेल की सुरक्षा बढ़ाई गई जहां बंद हैं खालिस्तान समर्थक अलगाववादी

एलीट ब्लैक पैंथर कमांडो की एक टीम को जेल के बाहरी हिस्से में सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया, जेल की पूरी बाहरी सीमा सीसीटीवी से लैस कर दी गई है

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तीस वर्षीय कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल पिछले पांच दिनों से फरार है (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों पर कार्रवाई के बीच सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. तीस वर्षीय कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल पिछले पांच दिनों से फरार है. उसके सात सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें पंजाब से बीजेपी शासित असम के डिब्रूगढ़ की सेंट्रल जेल में भेजा गया है. डिब्रूगढ़ जिले के उपायुक्त बिस्वजीत पेगू ने बुधवार को कहा कि डिब्रूगढ़ की केंद्रीय जेल में और उसके आसपास बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है.

डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल पूर्वोत्तर भारत की सबसे पुरानी जेलों में से एक है. यहां भारी किलाबंदी है. असम में उल्फा उग्रवाद के चरम के दौर में पकड़े जाने वाले शीर्ष उग्रवादियों को रखने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता था.

उपायुक्त ने मीडिया को बताया, "सात लोगों को एनएसए के तहत डिब्रूगढ़ लाया गया. उन्हें सेंट्रल जेल, डिब्रूगढ़ में रखा गया है. हमने किसी भी प्रकार की कोशिश को विफल करने के लिए जेल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. जहां अमरजीत पाल के सहयोगी बंद हैं, उस सेल में सुरक्षा के कई स्तर हैं. इसके लिए केंद्र और राज्य के बीच समन्वय होता है. एनएसए बंदियों के लिए सुरक्षा प्रणाली अन्य कैदियों की तुलना में अलग है."

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जेल के बाहरी घेरे में सुरक्षा के लिए इलीट ब्लैक पैंथर कमांडो की एक टीम तैनात है. सीआरपीएफ, असम पुलिस के जवान और जेल प्रहरी आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. जेल की पूरी बाहरी सीमा सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दी गई है.

खालिस्तान समर्थक नेता हरजीत सिंह के अलावा अमृतपाल सिंह के चाचा, उसके दो और सहयोगी कुलवंत सिंह धालीवाल और गुरिंदर पाल सिंह को मंगलवार को असम के लिए रवाना किया गया.

इससे पहले रविवार को 'वारिस पंजाब दे' के चार सदस्यों को असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया था. उनको डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है. 'वारिस पंजाब दे' अमृतपाल सिंह के नेतृत्व वाला संगठन है, जिसका घोषित उद्देश्य "पंजाब के अधिकारों" के लिए लड़ना है. यहां लाए गए चार बंदी दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला और भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके हैं.

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उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत आरोप लगाए गए हैं. यह कानून पुलिस को देश भर में किसी भी संदिग्ध को हिरासत में लेने की अनुमति देता है. आरोपियों को ले जाने के लिए भारतीय वायु सेना के एक विमान का इस्तेमाल किया गया था.

इस बीच, पंजाब पुलिस ने पंजाब में 'वारिस पंजाब दे' ग्रुप के सदस्यों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है. सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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अधिकारियों का कहना है कि 'टॉप सीक्रेट' कार्रवाई आम आदमी पार्टी शासित पंजाब, केंद्र और बीजेपी शासित असम के बीच एक समन्वित प्रयास था.

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