पीएचडी में दाखिले के लिए 2024-25 से एनईटी में अर्जित अंक का इस्तेमाल किया जायेगा: यूजीसी

यूजीसी के अधिकारियों के अनुसार, आयोग ने परीक्षा के प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था और समिति की सिफारिशों के आधार पर इसने निर्णय लिया है कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 से एनईटी में अर्जित अंक का इस्तेमाल पीएचडी कार्यक्रमों में दाखिले के लिए किया जा सकता है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अनुसार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) में अर्जित अंक (स्कोर) का इस्तेमाल 2024-25 से पीएचडी में दाखिले के लिए किया जाएगा, जिससे विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी. एनईटी की परीक्षा साल में दो बार जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है. इसमें अर्जित अंक का इस्तेमाल वर्तमान में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) प्रदान करने और मास्टर डिग्री वाले लोगों के लिए सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति की पात्रता के लिए किया जाता है.

यूजीसी के अधिकारियों के अनुसार, आयोग ने परीक्षा के प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था और समिति की सिफारिशों के आधार पर इसने निर्णय लिया है कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 से एनईटी में अर्जित अंक का इस्तेमाल पीएचडी कार्यक्रमों में दाखिले के लिए किया जा सकता है.

यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा, ‘‘शैक्षणिक सत्र 2024-2025 से शुरू होकर, देशभर के विश्वविद्यालयों को पीएचडी कार्यक्रमों में दाखिले के लिए एनईटी में अर्जित अंक का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा, जिससे विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी.''

Advertisement

कुमार ने कहा कि छात्र विभिन्न संस्थानों में पीएचडी कार्यक्रमों के वास्ते आवेदन करने के लिए किसी भी सत्र के अपने ‘अंक' का इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस पहल से छात्रों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि यह छात्रों को विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित कई प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयारी करने और परीक्षा देने की आवश्यकता को समाप्त करता है, जिससे परीक्षा कराने संबंधी खर्च का बोझ कम हो जाता है.

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी विश्वविद्यालयों को 2024-2025 शैक्षणिक सत्र से पीएचडी में प्रवेश के लिए एनईटी में अर्जित अंक का इस्तेमाल करने के लिए दृढ़ता से प्रोत्साहित करते हैं. इससे निस्संदेह हमारे देश में अकादमिक प्रगति के लिए अधिक अनुकूल माहौल बनाने में मदद मिलेगी.''

Advertisement

एक आधिकारिक अधिसूचना में यूजीसी ने कहा कि जून 2024 से, एनईटी अभ्यर्थियों को तीन श्रेणियों में पात्र घोषित किया जाएगा. इन श्रेणियों में जेआरएफ के साथ पीएचडी में प्रवेश और सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति; जेआरएफ के बिना पीएचडी में प्रवेश और सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए, केवल पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश और जेआरएफ या सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए नहीं, शामिल हैं.

Advertisement

“अधिसूचना में कहा गया है कि, ‘‘श्रेणी दो और तीन में अर्हता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए अर्जित अंक पर 70 प्रतिशत और साक्षात्कार के लिए 30 प्रतिशत अधिभार दिया जाएगा. पीएचडी में प्रवेश एनईटी में अर्जित अंक और साक्षात्कार या मौखिक परीखा के अंकों के आधार पर तैयार संयुक्त मेधा सूची के आधार पर होगा.

श्रेणी दो और तीन में उम्मीदवारों द्वारा एनईटी में प्राप्त अंक पीएचडी में प्रवेश के लिए एक वर्ष के लिए मान्य होंगे. यूजीसी एनईटी जून 2024 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू होने की उम्मीद है.

यूजीसी एनईटी का परिणाम उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंकों के साथ परसेंटाइल में घोषित किया जाएगा ताकि पीएचडी में प्रवेश के लिए अर्जित अंकों का उपयोग किया जा सके.

जेआरएफ के लिए अर्हता अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को यूजीसी (न्यूनतम मानक एवं पीएचडी डिग्री प्रदान करने की प्रक्रिया) विनियम-2022 के अनुसार साक्षात्कार के आधार पर पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश दिया जाता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Stock Market Today: Trump Tariff से दलाल स्ट्रीट में हाहाकार, Sensex-Nifty में भारी गिरावट | Share
Topics mentioned in this article