दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है. उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फिर जमानत देने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत ना देने के फैसले पर पुनर्विचार से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि पुनर्विचार याचिका में कोई आधार नहीं है. जस्टिस संजीव खंड और जस्टिस एसवीएन भट्टी ने जमानत याचिका खारिज करने का 30 अक्तूबर का फैसला बरकरार रखा. बता दें, मनीष सिसोदिया की तरफ से अर्जी की दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की गई थी.
हालही, सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 10 जनवरी, 2024 तक बढ़ा दी थी. विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने मामले में अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति मांगने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर एक आवेदन पर सिसोदिया और अन्य आरोपियों से जवाब भी मांगा था. न्यायाधीश ने आरोपी व्यक्तियों को 10 जनवरी तक आवेदन पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
अदालत ने ईडी को 10 जनवरी को अगली सुनवाई से पहले आरोपी व्यक्तियों को 540 पन्नों के अतिरिक्त दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है. कार्यवाही के दौरान, अदालत ने मामले में दिन-प्रतिदिन की सुनवाई के अनुरोध वाले ईडी के एक आवेदन पर सुनवाई स्थगित कर दी.न्यायाधीश ने कहा कि मामला फिलहाल दस्तावेजों की जांच के चरण में है और इस चरण के समाप्त होने तथा आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप तय होने के बाद मुकदमा शुरू होगा.
बता दें, दिल्ली आबकारी नीति 2020-21 को बनाने और कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार में कथित भूमिका के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. तब से आप नेता न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था.