12वीं की परीक्षा रद्द नहीं करने वाले राज्यों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

कोरोनावायरस को देखते हुए इस साल भी देश में बोर्ड की परीक्षाएं रद्द की जा रही हैं, लेकिन अभी तक 28 राज्यों में से 18 राज्यों ने ही परीक्षाएं रद्द करने की घोषणाएं की हैं, बाकी 10 को कोर्ट ने आज एक सुनवाई के दौरान नोटिस भेजा.

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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं अभी तक रद्द नहीं करने वाले राज्यों को गुरुवार को नोटिस भेजा है. कोरोनावायरस को देखते हुए इस साल भी देश में बोर्ड की परीक्षाएं रद्द की जा रही हैं, लेकिन अभी तक 28 राज्यों में से 18 राज्यों ने ही परीक्षाएं रद्द करने की घोषणाएं की हैं, बाकी 10 को कोर्ट ने आज एक सुनवाई के दौरान नोटिस भेजा.

गुरुवार को इस विषय पर सुनवाई में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वो 12वीं कक्षा के रिजल्ट वो 31 जुलाई के पहले जारी कर देगा. ICSE बोर्ड ने भी आज कहा कि वो भी अपने रिजल्ट 31 जुलाई के पहले जारी करेगा, हालांकि, इसके पहले बोर्ड ने 20 जुलाई की तारीख दी थी.

CBSE बोर्ड ने 12वीं की परीक्षा के लिए कोर्ट को अपने मूल्यांकन मानदंड की जानकारी दी कि 40 प्रतिशत अंक कक्षा 12 के प्री-बोर्ड पर आधारित होंगे, जबकि 10वीं और 11वीं के परीक्षा के भी 30-30 फीसदी अंक जुटेंगे. बोर्ड 12वीं के रिजल्ट में पिछली परीक्षाओं के प्रदर्शन को भी देखेगा. बोर्ड ने बताया कि प्रैक्टिकल 100 अंकों के होंगे और छात्र-छात्राओं को स्कूलों द्वारा दिए गए अंक ही मान्य होंगे.

वहीं, ICSE ने कहा है कि 12वीं का रिजल्ट बनाने  कक्षा 12वीं के साथ-साथ कक्षा 11वीं के इंटर्नल मार्क्स को भी जोड़ा जा सकता है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और ICSE को अपनी वेबसाइटों पर मूल्यांकन योजना अपलोड करने का निर्देश दिया है.

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