SMS Hospital Fire: आग, धुआं और चीख-पुकार के बीच बचाई मरीजों की जान, जयपुर के इन जांबाजों को सलाम

आग इतनी तेजी से फैली कि ट्रॉमा वॉर्ड का आईसीयू पूरी तरह धुएं से भर गया. बाहर भाग रहे लोग पीछे देखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे. लेकिन इन्हीं पलों में यह तीनों पुलिसकर्मी उस दिशा में दौड़ पड़े, जहां से बाकी सब भाग रहे थे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के आईसीयू में देर रात आग लगने से गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई और धुआं फैल गया
  • तीन पुलिसकर्मियों वेदवीर सिंह, हरि मोहन और ललित ने बिना सुरक्षा उपकरण के दस से अधिक मरीजों को बाहर निकाला
  • आग से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
जयपुर:

राजस्थान की राजधानी जयपुर की रात अचानक चीखों, धुएं और आग की लपटों से दहक उठी. सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर रविवार देर रात युद्धक्षेत्र बन गया, जब रात 11 बजकर 50 मिनट पर आईसीयू वॉर्ड से धुएं के गुबार उठने लगे. कुछ ही मिनटों में सबकुछ धुंधला पड़ गया. मॉनिटरों की बीप बंद हो गई, डॉक्टरों की आवाज़ें गूंज उठीं और मरीजों की सांसें थमने लगीं. इसी अफरातफरी के बीच तीन पुलिस जवान कांस्टेबल वेदवीर सिंह, हरि मोहन और ललित ने अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी. 

आग इतनी तेजी से फैली कि ट्रॉमा वॉर्ड का आईसीयू पूरी तरह धुएं से भर गया. बाहर भाग रहे लोग पीछे देखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे. लेकिन इन्हीं पलों में यह तीनों पुलिसकर्मी उस दिशा में दौड़ पड़े, जहां से बाकी सब भाग रहे थे. बिना ऑक्सीजन मास्क, बिना सेफ्टी गियर के जवानों ने अपने कर्तव्य को पूरा किया. 

जान की परवाह किए बिना किया रेस्क्यू

लगभग दस मिनट तक लगातार धुएं में रहने से तीनों की सांसें अटकने लगीं, आंखों में जलन से कुछ भी साफ नहीं दिख रहा था, लेकिन हाथों में मजबूती बरकरार थी. उन्होंने एक-एक कर दस से ज़्यादा मरीजों और परिजनों को बाहर निकाला. जब आखिरी मरीज को वॉर्ड से बाहर किया गया, तब तक कांस्टेबल ललित वहीं बेहोश होकर गिर पड़े.

अब खुद जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं

फिलहाल तीनों पुलिसकर्मी वेदवीर सिंह, हरि मोहन और ललित का इलाज चल रहा है, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है. लगातार धुएं में रहने के कारण उनकी सांसों में दिक्कत बनी हुई है.

इस हादसे में अब तक छह लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. सीकर के पिंटू, आंधी के दिलीप, भरतपुर के श्रीनाथ, रुक्मणि, खुश्मा और सांगानेर के बहादुर. हालांकि अधिकारियों को आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है.

क्यों लगी आग

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग संभवतः किसी विद्युत उपकरण में शॉर्ट सर्किट से लगी. हालांकि, इसकी पुष्टि जांच के बाद ही की जाएगी. घटना के बाद पूरे अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था और फायर सेफ्टी सिस्टम की समीक्षा शुरू कर दी गई है. मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.

Advertisement

कैसा था मंजर

आईसीयू में भर्ती मरीजों के रिश्तेदारों ने इस हादसे की डरावने यादों को साझा किया. एक मरीज के रिश्तेदार पुरण सिंह ने कहा, "जब चिंगारी लगी, उसके पास एक सिलेंडर था. धुआं पूरे आईसीयू में फैल गया, जिससे सभी लोग घबराकर भागने लगे. कुछ लोग अपने मरीजों को बचा पाने में सफल रहे, लेकिन मेरा मरीज कमरे में अकेला रह गया. जैसे ही गैस और फैल गई, उन्होंने गेट बंद कर दिए."

ये भी पढ़ें-: जयपुर के अस्पताल में क्यों लगी आग? 8 की मौत, 5 की हालत गंभीर; परिजनों से जानिए वो खौफनाक पल

Advertisement


 

Featured Video Of The Day
Jaipur के सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में लगी आग, पीड़ितों का दर्द सुनिए | BREAKING NEWS
Topics mentioned in this article