मेरठ मर्डर केस: जेल में नहीं आ रही नींद, बेचैनी में गुजर रही मुस्कान-साहिल की रातें; पड़ने लगे हैं दौरे

Saurabh Rajput Murder Case: जेल के सूत्रों ने बताया कि साहिल और मुस्‍कान अत्यधिक तनाव में दिख रहे हैं. वहीं एक सूत्र ने बताया कि दोनों ठीक से सो नहीं पा रहे हैं. साथ ही दोनों खाने-पीने में भी ना-नुकुर कर रहे हैं.  

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सौरभ राजपूत की कथित तौर पर मुस्कान और साहिल ने चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी.
मेरठ (उप्र):

Saurabh Rajput Murder Case: सौरभ राजपूत की कथित हत्या के लिए जेल में बंद उसकी पत्नी और उसका प्रेमी मादक पदार्थ नहीं मिलने के कारण बेचैन दिख रहे हैं और उनकी नींद तक हराम हो गई है. जेल अधिकारियों ने यह दावा किया है. स्थानीय अदालत द्वारा मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद बुधवार से दोनों को चौधरी चरण सिंह जिला जेल में रखा गया है.

जेल के सूत्रों ने बताया कि दोनों अत्यधिक तनाव में दिख रहे हैं. एक सूत्र ने बताया, ‘‘मुस्कान और साहिल ठीक से सो नहीं पा रहे हैं. दोनों खाने-पीने में भी ना-नुकुर कर रहे हैं.'' 

जेल में दोनों को बेचैनी और घबराहट

उनकी इस हालत पर कई तरह की बातें कहीं जा रही हैं. जेल अधिकारी मुस्कान और साहिल का नशे का आदी होना, इसकी वजह बताते हैं. अधिकारियों का कहना है कि जेल में आने के बाद नशीला पदार्थ नहीं मिलने से उनकी हालत बिगड़ने लगी है और दोनों को बेचैनी, घबराहट तथा दौरे पड़ने लगे हैं.

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जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक वीरेश राज शर्मा का कहना है कि साहिल और मुस्कान दोनों काफी समय से मादक पदार्थों का सेवन कर रहे हैं, ऐसे में अब मादक पदार्थों के नहीं मिलने के कारण बेचैनी की दिक्कत हो रही है और उन्हें रात को नींद भी नहीं आ रही है.

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शर्मा ने बताया, ‘‘जेल प्रशासन ने मुस्कान को 12 नंबर बैरक और साहिल को 18 नंबर बैरक में रखा है. चिकित्सकों की एक विशेष टीम उनकी स्थिति पर लगातार नजर रख रही है. उन्हें दवाइयां दी जा रही हैं और धीरे-धीरे उनके शरीर से नशे का असर कम करने की कोशिश की जा रही है.'' उन्होंने बताया कि साहिल और मुस्कान नशा करते हैं जिसका खुलासा पुलिस जांच में भी हो चुका है.

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एक सूत्र ने बताया कि जेल में बंद होने के बाद से दोनों आरोपियों से कोई मिलने नहीं आया.

हत्‍या के बाद परिवार को करते रहे गुमराह 

चार मार्च को मर्चेंट नेवी के पूर्व अधिकारी सौरभ राजपूत को कथित तौर पर मुस्कान और साहिल ने नशीला पदार्थ खिलाने के बाद चाकू घोंपकर उसकी हत्या कर दी थी और उसके शरीर के टुकड़े करके सीमेंट से भरे एक ड्रम में बंद कर दिया था. इसके बाद दोनों हिमाचल प्रदेश में छुट्टियां मनाने चले गए और इस दौरान राजपूत के परिवार को अपने फोन से संदेश भेजकर गुमराह करते रहे. इस मामले की सूचना 18 मार्च को पुलिस को दी गई थी जिसके बाद मुस्कान और साहिल को गिरफ्तार कर लिया गया.

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मुस्कान और राजपूत ने 2016 में अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी कर ली थी. दोनों की छह साल की एक बेटी भी है. 

पुलिस ने बताया कि मुस्कान और साहिल एक-दूसरे को स्कूल के दिनों से जानते थे और 2019 में एक व्हॉट्सएप समूह के जरिए फिर से जुड़े थे. 

मुस्‍कान ने की सरकारी वकील की मांग

इस बीच, प्रेमी की मदद से पति की हत्या करने वाली मुस्कान ने जेल प्रशासन को पत्र लिखकर अपना मुकदमा लड़ने के लिए सरकारी वकील की मांग की है. मुस्कान का कहना है कि इस घटना के बाद से ही 'मेरे माता-पिता मुझसे नाराज हैं, कोई भी मेरा मुकदमा लड़ने नहीं आएगा. इसलिए मुझे सरकारी वकील चाहिए जो अदालत में मेरा मुकदमा लड़ सके.' यह जानकारी रविवार को वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने दी.

उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि हत्या के आरोप में जेल में बंद मुस्कान ने कल उनके सामने पेश होने का अनुरोध किया. वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने कहा, 'जिसके बाद जब मैंने उसे फोन किया तो उसने निवेदन किया कि उसके (मुस्कान के) परिजन मुकदमा नहीं लड़ेंगे. क्योंकि वे उससे नाराज हैं. इसलिए उसे मुकदमा लड़ने के लिए सरकारी वकील की जरूरत है.'

शर्मा ने बताया कि 'अगर कोई कैदी सरकारी वकील की मांग करता है तो उसे वकील मुहैया कराना हमारा कर्तव्य है. इसलिए हम उसका आवेदन स्वीकार कर रहे हैं और उसे कोर्ट भेज रहे हैं, ताकि उसे सरकारी वकील मुहैया कराया जा सके. हालांकि मुस्कान के प्रेमी साहिल ने अभी तक सरकारी वकील की मांग नहीं की है.'

दवा लेने से हुआ फायदा: जेल अधिकारी

उन्होंने कहा, 'उसने सिर्फ इतना कहा कि वे साथ रहना चाहते हैं. इसलिए हमने उनसे कहा कि जेल में एक साथ रहना संभव नहीं है. जेल के अंदर दोनों को क्या काम दिया गया है, इस सवाल पर जेल अधिकारी ने कहा कि 10 दिन तक कैदियों से कोई काम नहीं लिया जा सकता. 10 दिन बाद अगर वे कोई काम करना चाहते हैं तो हम फैसला लेंगे.'

जेल अधिकारी ने कहा कि मुस्कान और साहिल जेल के अंदर कैसा व्यवहार कर रहे हैं, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो रहा है. शुरू में दोनों चुप रहते थे, लेकिन जब से उन्होंने दवा लेना शुरू की है, उन्हें काफी फायदा हुआ है. अब वे अपने मुकदमे के बारे में भी सोचने लगे हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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