उपग्रहीय सर्वेक्षण में सब कुछ शामिल नहीं, यह अंतिम रिपोर्ट नहीं है: केरल सरकार

विजयन ने कहा कि बफर जोन के संबंध में लोगों के बीच विभाजन या मतभेद पैदा करने के लिए कुछ लोगों द्वारा सरकार के ऐसे 'अच्छे इरादों' को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. 

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विजयन ने स्वीकार किया कि उपग्रहीय सर्वेक्षण में सब कुछ शामिल नहीं था. (फाइल)
कन्नूर/एर्णाकुलम :

सत्तारूढ़ माकपा और केरल सरकार ने रविवार को कहा कि उनका इरादा आवासीय और कृषि क्षेत्रों को बफर जोन से बाहर रखने का था और चूंकि उपग्रहीय सर्वेक्षण में सब कुछ शामिल नहीं है, इसलिए इसे अंतिम रिपोर्ट नहीं माना जा रहा. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कन्नूर में आयोजित केरल राज्य महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि सरकार ने उपग्रहीय सर्वेक्षण केवल जल्दी से रिपोर्ट के साथ आने के लिए किया, जिसे उच्चतम न्यायालय और केंद्र के समक्ष, दक्षिणी राज्य की विशेष परिस्थितियों और क्यों एक किलोमीटर का बफर जोन अव्यावहारिक है, इसके संदर्भ में रखा जा सके. 

उन्होंने स्वीकार किया कि उपग्रहीय सर्वेक्षण में सब कुछ शामिल नहीं था और इसीलिए इसे अंतिम रिपोर्ट नहीं माना जा रहा है. 

उन्होंने कहा कि राज्य की अनूठी विशेषताओं का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त की गई थी और यहां तक ​​कि स्थानीय निकायों को भी बफर जोन में वार्डवार जानकारी दर्ज करने का अवसर दिया गया था, ताकि सरकार एक दोषरहित रिपोर्ट के साथ सामने आ सके. 

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विजयन ने कार्यक्रम में कहा कि बफर जोन के संबंध में लोगों के बीच विभाजन या मतभेद पैदा करने के लिए कुछ लोगों द्वारा सरकार के ऐसे 'अच्छे इरादों' को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. 

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माकपा राज्य सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में इसी तरह के दृष्टिकोण का संकेत दिया गया था. 

इसमें दावा किया गया कि बफर जोन और सरकार के प्रयासों को लेकर कुछ लोगों द्वारा फैलाए जा रहे झूठे प्रचार को जनता द्वारा खारिज किया जाना चाहिए. 

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वामपंथी दल ने कहा कि सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जब क्षेत्र सर्वेक्षण (फील्ड सर्वे) किया जाएगा, तो उपग्रहीय सर्वेक्षण में छोड़े गए सभी स्थानों को शामिल किया जाएगा और यह भी कि जनता को अपनी आपत्तियां रखने के लिए अधिक समय दिया जाएगा. इसलिए उपग्रहीय सर्वेक्षण रिपोर्ट को लेकर लोगों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है. इसलिए उपग्रहीय सर्वेक्षण रिपोर्ट को लेकर लोगों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है. 

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मुख्यमंत्री और माकपा के बयान कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी यूडीएफ के आरोपों के मद्देनजर आए हैं. यूडीएफ ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ वाम मोर्चा ने सर्वेक्षण करने में देरी की, जिसे बाद में उपग्रहीय सर्वेक्षण का उपयोग करके 'जल्दबाजी' में किया गया, लेकिन वह भी 'अपूर्ण और गलत' साबित हुआ. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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