सारदा मामला : ईडी ने पी.चिदंबरम की पत्नी सहित 'लाभार्थियों' की संपत्ति कुर्क की

ईडी ने कहा, 'इस समूह की कंपनी द्वारा जुटाए गए कुल धन की मात्रा लगभग 2,459 करोड़ रुपये है, जिसमें जमाकर्ताओं का अब तक ब्याज राशि को छोड़कर लगभग 1,983 करोड़ रुपये का बकाया है.'

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने सारदा धनशोधन मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे ‘‘लाभार्थियों'' की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं. 

संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 3.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और तीन करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है.

इन संपत्तियों पर सारदा समूह और अन्य लोगों का स्वामित्व था, जो समूह द्वारा सृजित 'अपराध की आय' के लाभार्थी थे.
इसने कहा कि 'लाभार्थियों' में नलिनी चिदंबरम, देवव्रत सरकार (ईस्ट बंगाल क्लब के अधिकारी), देबेंद्रनाथ बिस्वास (पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं पूर्व माकपा विधायक) और असम के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दत्ता के स्वामित्व में रही अनुभूति प्रिंटर एंड पब्लिकेशंस शामिल हैं. 

धनशोधन का मामला 2013 तक पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में सारदा समूह द्वारा कथित चिट फंड घोटाले से संबंधित है. ईडी ने कहा, 'इस समूह की कंपनी द्वारा जुटाए गए कुल धन की मात्रा लगभग 2,459 करोड़ रुपये है, जिसमें जमाकर्ताओं का अब तक ब्याज राशि को छोड़कर लगभग 1,983 करोड़ रुपये का बकाया है.' प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में अब तक करीब 600 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुका है. 

यह भी पढ़ें -
-- बाज़ार 'अच्छी तरह विनियमित' हैं : अडाणी शेयर क्रैश पर बोलीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
-- जोशीमठ की तरह ही जम्मू-कश्मीर के इस गांव में भी घरों में दिखने लगी दरारें, प्रशासन ने भेजी टीम

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Jharkhand Assembly Elections: Bokaro का एक ऐसा गांव जो किसी सरकारी रिकॉर्ड में नहीं है
Topics mentioned in this article