संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए 11 से 17 अप्रैल तक 'एमएसपी गारंटी सप्ताह' मनाएगा. एसकेएम ने रविवार को एक बयान में कहा कि इस सप्ताह के दौरान किसान संगठन देशभर में धरना-प्रदर्शन और सेमिनार करेंगे. कार्यक्रम की घोषणा पहली बार 14 मार्च को की गई थी.
एसकेएम ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर एक साल तक चले प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. एसकेएम ने विवादास्पद कानूनों को रद्द किए जाने की घोषणा और आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने, एमएसपी पर कानूनी गारंटी और विरोध प्रदर्शन के दौरान मरने वाले किसानों के परिजनों के मुआवजा देने सहित छह अन्य मांगों पर विचार करने के लिए सरकार के सहमत होने के बाद आंदोलन को निलंबित कर दिया था.
बयान में कहा गया कि 11 से 17 अप्रैल के बीच देशभर के किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 'एमएसपी गारंटी सप्ताह' मनाएंगे. इसमें कहा गया कि कार्यक्रम के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य को किसानों का कानूनी अधिकार बनाने की मांग को लेकर विभिन्न स्थानों पर धरना-प्रदर्शन और सेमिनार के माध्यम से जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
बयान में कहा गया है कि पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ ही एमएसपी और अन्य मुद्दों पर एक समिति के गठन की घोषणा की थी. इसमें कहा गया, ‘‘सरकार के नौ दिसंबर के आश्वासन पत्र में भी इसका जिक्र था. लेकिन आज चार महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने इस समिति का गठन नहीं किया है.''
एसकेएम ने देशभर के किसानों और कृषि संगठनों से 11 से 17 अप्रैल के बीच अपने-अपने जिलों में कम से कम एक कार्यक्रम आयोजित करने की भी अपील की ताकि एमएसपी के सवाल पर देशव्यापी आंदोलन की तैयारी शुरू की जा सके.