महाराष्ट्र में शिवसेना के भीतर बढ़ती बगावत और उद्धव ठाकरे की कम होती ताकत के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. शिवसेना सांसद संजय राउत का एक और आक्रामक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने गुवाहाटी में कैंप कर रहे शिवसेना के एकनाथ शिंदे के गुट पर हमला बोला है. राउत ने कहा, "जिसने भी बालासाहेब ठाकरे को धोखा दिया, वो खत्म हो गया... अब से हम तय करेंगे कि किस पर भरोसा करना है औऱ किसकी पालकी ले जानी है. 40 विधायकों की बॉडी यहां आएगी औऱ उन्हें सीधे पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी ले जाया जाएगा. " राउत ने कहा, वे इसे संकट नहीं मानते. राउत ने कहा, "जब वो गुवाहाटी के रेडीसन ब्लू होटल की तस्वीरें देखते हैं तो यह उन्हें बिग बॉस हाउस जैसा लगता है. लोग खा-पी रहे हैं और खेलकूद रहे हैं. इनमें से आधे साफ हो जाएंगे. कब तक आप गुवाहाटी में छिपोगे, कभी तो वापस चौपाटी आना पड़ेगा.
इससे पहले रविवार को गठबंधन सरकार को एक औऱ झटका लगा, जब सरकार के एक और मंत्री उदय सामंत भी गुवाहाटी में बागियों के कैंप में पहुंच गए. उदय सामंत अभी तक ठाकरे कैंप में माने जा रहे थे.
राउत ने दहीसर में पार्टी के कार्यक्रम में कहा, यह जो 40 लोग वहां हैं, वो बिना आत्मा के ज़िंदा लाशों के समान हैं. यह मुर्दे हैं, उनके शव यहां आएंगे, लेकिन उनकी आत्मा मर चुकी होगी. यह वहां छटपटा रहे हैं. यह 40 लोग जब मुम्बई उतरेंगे, तब यह मन से जिंदा नहीं रहेंगे. उन्हें पता है कि यहां आग लगी हुई है. इस आग में कितनी दहशत है. मैं प्रकाश सुर्वे को यहां आने का चैलेंज देता हूं.इससे पहले भी संजय राउत ने कहा था, बागी विधायक कब तक गुवाहाटी में छिपे रहेंगे, उन्हें यहां लौटना मुश्किल होगा, उनका यहां खुलेआम घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा.
इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने अघाड़ी सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने संबंधी याचिका पर शनिवार को नोटिस जारी किया था. साथ ही इन बागी विधायकों से 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा है. शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की ओऱ से नामित सभी 16 विधायकों को नोटिस भेजा गया है. प्रभु ने गुवाहाटी में डेरा डाले शिंदे गुट के बागी विधायकों को शिवसेना की बैठकों में शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन उनमें से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ. शिवसेना ने सचिवालय को दो पत्र सौंपे, जिसमें शिंदे सहित 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है.
उधर, शिवसेना सरकार में मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी एक कार्यक्रम में बागी नेताओं को निशाने पर लिया है. उनके बयान पर भी विवाद हो रहा है.