'राजा दशरथ के बेटे नहीं थे राम', संजय निषाद के बयान पर ओवैसी ने मोहन भागवत से पूछा ये सवाल

संजय निषाद ने विवादित बयान में ये भी कहा कि भगवान राम और निषाद राज का जन्म मखौड़ा घाट पर हुआ था. साथ ही उन्होंने राम को दशरथ का तथाकथित पुत्र बताते हुए कहा कि खीर खाने से बच्चा नहीं होता.

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भगवान राम पर संजय निषाद के विवादित बयान पर असदुद्दीन ओवैसी का सवाल
नई दिल्ली:

यूपी चुनावों के मद्देनजर राजनीति गलियारों में सियासी बयानों की गर्मी बढ़ती जा रही है. बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने भगवान राम पर विवादित बयान दिया है, जिसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बात इतनी बढ़ गई कि संजय निषाद को भी बयान के बाद सफाई देनी पड़ी है. दरअसल, संजय निषाद ने कहा है कि राम दशरथ के नहीं, बल्कि पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ कराने वाले श्रृंगी ऋषि के बेटे थे.  भगवान राम को राजा दशरथ का तथाकथित पुत्र कहा जा सकता है, लेकिन वो उनके वास्तविक बेटे नहीं थे. इस पूरे मामले पर AIMIM चीफ असदुद्दीन आवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) तो डीएनए एक्सपर्ट हैं. उनको इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. ओवैसी ने कहा कि संजय निषाद ने कहा है कि भगवान राम का जन्म निषाद परिवार में हुआ था. वे राजा दशरथ के पुत्र नहीं हैं. बीजेपी और संघ के बड़े नेताओं को इस मामले में कुछ तो बोलना चाहिए.

बता दें कि संजय निषाद ने विवादित बयान में ये भी कहा कि भगवान राम और निषाद राज का जन्म मखौड़ा घाट पर हुआ था. साथ ही उन्होंने राम को दशरथ का तथाकथित पुत्र बताते हुए कहा कि खीर खाने से बच्चा नहीं होता. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राम को उनके माता-पिता और अयोध्यावासियों ने नहीं पहचाना, निषाद राज ने ही उनकी असली शक्ति को पहचाना. जो भगवान को पहचानता है उसका दर्जा बड़ा हो जाता है.निषाद राज का भी यही दर्जा है.ये सभी बातें उन्होंने प्रयागराज में मीडियाकर्मियों से बातें करते हुए कहीं.

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बयान पर विवाद उठता देख संजय निषाद ने पूरे मामले में सफाई भी दी है. उन्होंने कहा है कि मैंने कल प्रयागराज में मीडियाकर्मियों से प्रभु श्री राम के गुण और उनकी महानता बताई थी. निषाद समाज कैसे उनसे जुड़ा है ये बताया था, लेकिन कुछ भाई इस बात को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं. मैं साफ करना चाहता हूं कि प्रभु श्रीराम हमारे पूज्य हैं, हमेशा रहेंगे. अगर फिर भी किसी को मेरे कहे से आपत्ति है तो मैं प्रभु श्री राम से माफी मांगता हूं और कहता हूं कि सभी को सद्बुद्धि दें.

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