- मुंबई में चुनाव आयोग से मिले विपक्षी दल में राज ठाकरे के जाने पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने सवाल उठाए
- निरूपम ने कहा कि कांग्रेस स्पष्ट करे कि राज ठाकरे की पार्टी MNS महाविकास आघाड़ी का हिस्सा है या नहीं?
- महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि मनसे का एमवीए में शामिल होने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
मुंबई में चुनाव आयोग से मिले विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में शरद पवार, उद्धव ठाकरे के साथ राज ठाकरे के शामिल होने पर शिवसेना के उपनेता व प्रवक्ता संजय निरुपम ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि मुंबई में उत्तर भारतीयों से नफरत करने वाली राज ठाकरे की पार्टी MNS महाविकास आघाड़ी का हिस्सा है या नहीं? उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रतिनिधिमंडल में मनसे शामिल हुई, उससे साफ है कि एमवीए में राज ठाकरे की बैकडोर एंट्री हो गई है. वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने NDTV से बातचीत में कहा कि मनसे का एमवीए में शामिल होने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
दल में राज ठाकरे के जाने पर बरसे निरुपम
संजय निरुपम ने गुरुवार को मीडिया के सामने कहा कि महाराष्ट्र निकाय चुनाव में मनसे से गठबंधन करने वाली कांग्रेस अब बिहार चुनाव में किस मुंह से वोट मांगेगी? मनसे ने मुंबई में आस्था के पर्व छठपूजा को ड्रामा कहा था. सवाल है कि क्या कांग्रेस पार्टी मनसे से हाथ मिलाकर बिहार में छठपूजा का विरोध करना चाहती है? उन्होंने दावा किया कि ऐसी गुप्त जानकारी मिली है कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने तय किया है कि जब तक बिहार चुनाव नहीं हो जाएं, तब तक मनसे को MVA में लेने की अधिकृत घोषणा न की जाए. उन्होंने इसे बिहार के लोगों के खिलाफ कांग्रेस का बड़ा षड्यंत्र करार दिया.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
निरूपम ने महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या वह अपने बच्चों की कसम खाकर कह सकते हैं कि बिहार चुनाव के बाद मनसे को महाविकास आघाड़ी में नहीं लिया जाएगा. निरूपम ने आरोप लगाया कि विपक्ष मतदाता सूची का मुद्दा उठाकर स्थानीय निकाय चुनाव टालने की कोशिश कर रहा है. राज और उद्धव मजबूर हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने इन्हें नकार दिया है. जिस तरह उद्धव ने हिंदुत्व को छोड़ा, उससे मराठी समाज में एक बड़ा वर्ग उनसे नाराज है. मनसे को साथ लेकर अब कांग्रेस ने भी अपना असली चेहरा दिखा दिया है. निरुपम ने दावा किया कि बिहार में कांग्रेस कार्यकताओं ने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी है.
MNS का MVA में शामिल होने का प्रस्ताव नहींः सपकाल
उधर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने NDTV से बातचीत में कहा कि प्रतिनिधिमंडल वोट चोरी के मुद्दे पर राज्य चुनाव आयोग से मिला था. इसमें सभी दलों को आमंत्रित किया गया था. राज ठाकरे का उसमें शामिल होना और प्रतिनिधिमंडल में मुद्दे उठाना गठबंधन की राजनीति से संबंधित नहीं था. उन्होंने कहा कि मनसे का एमवीए में शामिल होने का कोई प्रस्ताव नहीं है, इसलिए जब कोई प्रस्ताव ही नहीं है तो इस पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है.
'बार-बार दल बदलने वाले हमें न सिखाएं'
संजय निरुपम पर निशाना साधते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि जो लोग बार-बार दल बदलते हैं, वो हमें नहीं सिखाएं. मेरा अनुरोध है कि वह जिस पार्टी में हैं, वहां के लोगों को संविधान का पालन करना सिखाएं. बिहार चुनाव को लेकर निरूपम के सवालों पर हर्षवर्धन ने कहा कि जो लोग (मनसे) इंडिया अलायंस का हिस्सा है ही नहीं, तो ऐसी अटकलें पर चर्चा होनी ही नहीं चाहिए.
INDIA में नए सहयोगी पर फैसला राष्ट्रीय स्तर पर
उन्होंने कहा कि राजनीति अगर-मगर पर नहीं होती. इंडिया अलायंस में नए सहयोगी को शामिल करने पर उसके सहयोगी चर्चा करेंगे. एमवीए अब इंडिया अलायंस में बदल गया है और अब राष्ट्रीय स्तर पर निर्णय लिया जाएगा. जहां तक महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों की बात है तो हमने स्थानीय नेतृत्व को निर्णय लेने का अधिकार दिया है.