मधुमक्‍खी के जीभ पर काटने से कैसे आ सकता है कार्डियक अरेस्‍ट? जानें संजय कपूर की मौत मामले में क्‍या बोले डॉक्‍टर

डॉ आशीष अग्रवाल ने संजय कपूर की मौत के मामले को लेकर कहा कि मधुमक्खी ने जीभ पर काटा होगा, जिससे गंभीर प्रकार का एलर्जिक रिएक्शन होता है, इसे एनाफिलेक्सिस कहते हैं.

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अभिनेत्री करिश्मा कपूर के पूर्व पति संजय कपूर का 12 जून को लंदन में निधन हो गया.
नई दिल्‍ली :

भारतीय उद्योगपति और बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर के पूर्व पति संजय कपूर (53) का लंदन में अचानक से निधन हो गया. रिपोर्ट्स के अनुसार, 12 जून को संजय कपूर पोलो खेल रहे थे जिस दौरान मधुमक्खी उनके मुंह में घुस गई और कुछ ही समय में उनकी मौत हो गईं. अब संजय कपूर की मौत को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उनकी मौत कैसे हुईं. इस मुद्दे को लेकर एनडीटीवी ने आकाश हेल्थ केयर के कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक डॉक्टर आशीष अग्रवाल से बातचीत की.

डॉ. आशीष अग्रवाल ने कहा कि मुंह में मधुमक्खी के जाने से किसी की मौत हो जाए तो इसे प्रूफ करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन अगर मधुमक्खी जीभ पर काटे तो उससे गंभीर एलर्जिक रिएक्शन होता है, इसे हमारी भाषा में एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) और मेडिकल टर्म में कॉर्निस सिंड्रोम (Kounis Syndrome) कहते हैं. यह डाक्यूमेंट्री मेकैनिज्म मौत होने का है.

मधुमक्खी के मुंह में काटने से किसी की मौत हो सकती है?

उन्‍होंने कहा कि संजय कपूर के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ होगा क्योंकि जब मधुमक्खी जीभ पर काटती है तो उसका जहर तुरंत खून में मिल जाता है. जिससे सीवियर एनाफिलेक्सिस होने की संभावना होती है और ऐसे में कार्डियक अरेस्ट होने से इंसान मर जाता है.

साथ ही उन्‍होंने बताया कि किसी को फूड या कीड़े के काटने से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है. किसी को खुजली के फॉर्म में वह एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है. इसकी सबसे गंभीर स्थिति सीवियर एनाफिलेक्सिस है. एनाफिलेक्सिस में अचानक से व्यक्ति का ब्लड प्रेशर कम हो जाता है, दिल की धड़कनें बढ़ जाती है और मरीज को कार्डियक अरेस्ट हो सकता है.

दरअसल, मधुमक्खी के काटने से खून में कुछ केमिकल रिलीज होते हैं जैसे ल्यूकोट्रीन, साइटोकाइन्स और थर्माक्सीनेट. यह सारे केमिकल्स मिल करके  दिल की नसों को पतला कर देते हैं. इससे वह सिकुड़ जाती है और उसके भीतर अचानक से क्लॉट बन जाता है, जिसके कारण कार्डियक अरेस्ट होता है और इंसान की मौत हो जाती है. 

"मरीज को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाना जरूरी"

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस बीमारी में मरीज के पास कितना समय होता है यह व्यक्ति दर व्यक्ति निर्भर करता है. लेकिन ऐसे मामलों में जितना जल्दी हो सके मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचना चाहिए. अस्पताल पहुंचने पर अगर मरीज का पल्स और ब्लड वेसल नहीं मिलता तो उसे तुरंत एड्रेनालाईन इंजेक्शन दिया जाता है ताकि उसके हार्ट को तुरंत रिवाइव किया जा सके. 

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किसी भी उम्र के मरीज को बीमारी संभव: डॉक्टर 

उन्‍होंने कहा कि एलर्जिक रिएक्शन या एनाफिलेक्सि किसी भी उम्र के व्यक्ति को मौत हो सकती है.  हालांकि अगर किसी की उम्र ज्यादा है और उसे पहले से शुगर-बीपी की समस्या तो उनको इस तरह की एनाफिलेक्सि रिएक्शन से मौत होने की संभावना बढ़ जाती है.

एलर्जी वाले लोग क्या करें?

एलर्जी को लेकर डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आईडियली देखा जाए तो एलर्जी का कोई ट्रीटमेंट नहीं है. लेकिन मरीज को ऐसे मामले में सलाह दी जाती है कि अगर उन्हें किसी भी चीज से एलर्जी हो किसी प्रकार की - दवाई, धूल, खाने या किसी अन्य चीज से तो उसे उससे दूर रहना होता है. हल्की एलर्जी में कुछ दवाइयां या स्टेरॉयड मरीज को दिया जा सकता है, लेकिन अगर किसी को एनाफिलेक्सिस हो जाता है तो उसे एड्रेनालाईन इंजेक्शन ही दिया जाता है.

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इस बीच, सोना कॉमस्टार लिमिटेड के अध्यक्ष संजय कपूर के करीबी मित्रों और परिवार ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि उनकी मृत्यु मधुमक्खी के डंक मारने से हुई है.

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