पंजाब में ऑनलाइन ऑर्डर किए गए केक को खाने के बाद एक 10 साल की बच्ची की मौत हो गई है और परिवार ने आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें कोई मदद प्राप्त नहीं हुई है. बच्ची के परिवार ने कहा कि उसकी मौत के 5 दिन बाद उन्होंने पुलिस में एफआईआर भी दर्ज की. बता दें कि 24 मार्च को बच्ची ने अपना जन्मदिन मनाया था और इसके कुछ घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई थी. परिवार ने बताया कि इससे पहले उसे उल्टी भी हुई थी और फिर उसे सांस लेने में तकलीफ भी हो रही थी. परिवार के अन्य सदस्य भी केक खाने के बाद बीमार हो गए थे.
इस घटना को सबसे पहले लोकल मीडिया द्वारा सामने लाया गया था और फिर शनिवार को राष्ट्रीय स्तर पर खबर फैल गई. उनके दादा, हरभंज लाल ने एनडीटीवी को बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से सतर्कता की कमी परेशान करने वाली है. उन्होंने एनडीटीवी को कहा, "हमारे द्वारा ऑर्डर किए गए केक का स्वास्थ्य विभाग के अफसर ने सैंपल लेने से इनकार कर दिया है. अधिकारी ने जोर देकर कहा कि वे केवल उसी दुकान से नमूने लेंगे जहां केक पकाया गया था."
परिवार ने कहा कि बिल में बेकरी का नाम और वास्तविक दुकान अलग-अलग थे, जिससे संकेत मिलता है कि यह एक फ्लाई-बाय-नाइट क्लाउड किचन हो सकता है. फ्लाई-बाय-नाइट क्लाउड किचन एक ऐसा कॉन्सेप्ट है जो फ्लेक्सिबल और संचालन में आसान होने के कारण काफी लोकप्रिय हो रहा है.
स्वतंत्र किचन एक कमरे के सेटअप में खाना बनाते हैं और अपना आउटलेट ऑनलाइन शुरू कर देते हैं ताकि ऑनलाइन ऑर्डर ले सकें और फिर वो पैकेज खाना देते हैं. पटियाला के पुलिस अधीक्षक सरफराज आलम ने कहा, "हम क्लाउड किचन की इस अवधारणा की भी निगरानी कर रहे हैं क्योंकि बेकरी का नाम ज़ोमैटो में बदलता रहता है".
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि लड़की के परिवार ने गुरुवार को उनसे मुलाकात की. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने कहा, "मैंने उनसे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में औपचारिक शिकायत दर्ज करने के लिए कहा. खाद्य टीमों को घर का दौरा करने और केक के नमूने इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया."
जन्मदिन समारोह के दृश्यों में, लड़की मानवी को अपनी मृत्यु से कुछ घंटे पहले केक काटते और अपने परिवार के साथ जश्न मनाते देखा गया था. परिवार का आरोप है कि 'केक कान्हा' से ऑर्डर किए गए चॉकलेट केक में कोई जहरीला पदार्थ था.