महाराष्ट्र (Maharashtra) के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) ने कहा कि अगर कोई स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) के मुंबई क्षेत्र के निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के जाति प्रमाण पत्र की वैधता पर आपत्ति दर्ज करेगा तो उनका विभाग उसकी जांच कर सकता है. मुंडे के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और राज्य मंत्रिमंडल में सहयोगी नवाब मलिक ने इससे पहले आरोप लगाया था कि वानखेड़े का जन्म मुस्लिम परिवर में हुआ है और उन्होंने दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया है जिसमें संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भर्ती में आरक्षण का लाभ लेने के लिए अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र भी शामिल है.
पुणे में शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुंडे ने कहा, ‘‘अगर कोई समीर वानखेड़े के जाति प्रमाणपत्र पर आपत्ति दर्ज करता है और समाजिक न्याय विभाग में शिकायत दर्ज कराता है तो मामले की जांच की जाएगी.''
इसपर पलटवार करते हुए भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने शनिवार को कहा कि राज्य की महा विकास अघाडी सरकार का एक सूत्रीय एजेंडा वानखेड़े पर हमला है.
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के सामाजिक न्याय विभाग को शिकायत मिलने पर जांच करने का अधिकार है. लगता है कि वानखेड़े पर हमला सरकार का एक सूत्रीय एजेंडा है. वानखेड़े हमारे पार्टी कार्यकर्ता नहीं हैं और न ही किसी भाजपा नेता के रिश्तेदार हैं. अधिकारी को निशाना बनाना जो मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, अस्वीकार्य है.''
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