SAIL ने INS अजय और INS निस्तार के लिए भेजे स्टील, रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम

सेल, भारत की नौसैनिक शक्ति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो राष्ट्रीय रक्षा लक्ष्यों के लिए कंपनी के रणनीतिक सहयोग को दिखाता है. यह 'आत्मनिर्भर भारत' के निर्माण में सेल की अभिन्न भूमिका को भी रेखांकित करता है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

भारत की सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने भारतीय नौसेना के दो महत्वपूर्ण जहाजों, आईएनएस ‘अजय' और आईएनएस ‘निस्तार' के लिए विशेष इस्पात की आपूर्ति करके देश के रक्षा स्वदेशीकरण प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. इन दोनों जहाजों में से आईएनएस ‘अजय' को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा पिछले जुलाई महीने के दौरान लांच किया गया था, जबकि आईएनएस निस्तार को भी पिछले जुलाई महीने के दौरान ही हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) द्वारा कमीशन किया गया था.

आईएनएस ‘अजय' के लिए सेल ने ज़रूरत की पूरी डीएमआर ग्रेड स्टील प्लेट्स की आपूर्ति की है, जो इस उच्च-गुणवत्ता वाले इस्पात पोत की संरचनात्मक मजबूती और स्टील्थ क्षमताओं के लिए महत्वपूर्ण है. आईएनएस ‘अजय' गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा निर्मित आठवां और अंतिम स्वदेशी एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी) है.

इसी तरह से सेल ने हाल ही में कमीशन किए गए आईएनएस निस्तार के लिए विशेष ग्रेड प्लेट्स की जरूरत की पूरी मात्रा की सप्लाई की है. आईएनएस निस्तार भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) है. हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा कमीशन की गई आईएनएस निस्तार, पनडुब्बी बचाव कार्यों, गहरे समुद्र में गोताखोरी और निरंतर गश्त में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

सेल, भारत की नौसैनिक शक्ति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो राष्ट्रीय रक्षा लक्ष्यों के लिए कंपनी के रणनीतिक सहयोग को दिखाता है. यह 'आत्मनिर्भर भारत' के निर्माण में सेल की अभिन्न भूमिका को भी रेखांकित करता है. इस्पात के प्रत्येक टन के साथ, सेल भारत की समुद्री तत्परता और रक्षात्मक भरोसे की नींव को निरंतर सुदृढ़ कर रहा है.
 

Featured Video Of The Day
Rambhadracharya की Premanand Maharaj पर दी टिप्पणी पर सफाई: 'पुत्रवत स्नेह, संस्कृत पढ़ने की सलाह'
Topics mentioned in this article