सेल ने सप्‍लाई किया 8 हजार टन क्रिटिकल स्‍टील तब जाकर तैयार हुए इंडियन नेवी के दो 'सूरमा' 

यह सीधे तौर पर 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहलों  से जुड़ा हुआ है और रक्षा जरूरतों के लिए विशेष गुणवत्ता वाले स्टील उपलब्ध करने की दिशा में भारत की आयात पर निर्भरता को घटाता है.

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  • स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने नौसेना में शामिल दो नई फ्रिगेट्स के लिए क्रिटिकल-ग्रेड स्टील सप्‍लाई किया.
  • सेल ने मझगांव डॉक और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स के साथ मिलकर अपने स्टील प्लांट्स से स्टील प्रदान की है.
  • राउरकेला स्टील प्लांट ने टैंक, युद्धपोत और मिसाइलों के लिए कई लाख टन क्रिटिकल-ग्रेड स्टील का उत्पादन किया है.
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नई दिल्‍ली:

भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के तहत आने वाली भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील उत्पादक और महारत्न कंपनी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL), ने भारतीय नौसेना के दो उन्नत फ्रंटलाइन युद्धपोतों, आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि के लिए करीब 8,000 टन क्रिटिकल-ग्रेड स्टील की आपूर्ति करके देश के रक्षा क्षेत्र के साथ अपनी महत्वपूर्ण साझेदारी जारी रखी है. रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में, विशाखापत्तनम में, आयोजित एक समारोह के दौरान, इन दोनों फ्रिगेटों को आज  भारतीय नौसेना में शामिल किया गया. 

सेल का रोल है बहुत बड़ा 

सेल ने भारतीय नौसेना के इन दोनों उन्नत युद्धपोतों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. कंपनी ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) के साथ साझेदारी करते हुए, अपने बोकारो, भिलाई और राउरकेला स्टील प्लांट्स से क्रिटिकल ग्रेड की हॉट-रोल्ड शीट और प्लेट्स की आपूर्ति की. भारतीय नौसेना के लिए क्रिटिकल -ग्रेड स्टील के विकास और आपूर्ति के जरिये, सेल ने आयात प्रतिस्थापन और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

आत्‍मनिर्भर भारत में बड़ी पहल 

यह सीधे तौर पर 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहलों  से जुड़ा हुआ है और रक्षा जरूरतों के लिए विशेष गुणवत्ता वाले स्टील उपलब्ध करने की दिशा में भारत की आयात पर निर्भरता को घटाता है. अकेले राउरकेला स्टील प्लांट के ‘स्पेशल प्लेट प्लांट' ने टैंक, युद्धपोतों और मिसाइलों जैसे रक्षा अनुप्रयोगों के लिए एक लाख टन से भी अधिक क्रिटिकल - ग्रेड स्टील की आपूर्ति की है.  

आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि जैसे जहाजों को नौसेना में शामिल करना, यह दिखाता है कि भारत अब देश में ही अपने जहाजों के लिए बुनियादी स्टील से लेकर इनके जटिल डिजाइन बनाने और कुशल चालक दल तक को विकसित करने में सक्षम है. यह हमारे देश की रक्षा प्रणाली की ताकत और मजबूत नींव को प्रदर्शित करता  है. 

सेल और नेवी की पार्टनरशिप 

भारत के रक्षा क्षेत्र के साथ सेल की स्थायी साझेदारी अच्छी तरह से स्थापित है.  इसमें आईएनएस विक्रांत, आईएनएस नीलगिरी, आईएनएस अजय, आईएनएस निस्तार, आईएनएस अर्णाला, आईएनएस विंध्यगिरि और आईएनएस सूरत जैसे प्रतिष्ठित जहाजों के लिए महत्वपूर्ण-ग्रेड स्टील की आपूर्ति का एक गौरवपूर्ण इतिहास है. यह अटूट प्रतिबद्धता एक विश्वसनीय राष्ट्रीय निर्माता और देश के चल रहे नौसैनिक आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में सेल की स्थिति को मजबूत करता है. 

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