"डंडे के जोर पर किसानों की आवाज दबा रही सरकार, जनता नहीं करेगी बर्दाश्त" : आंदोलन पर बोले बादल

शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर बादल ने कहा, "हम सबसे पुराने दोस्त थे, कानून को लेकर उनका साथ छोड़ दिया. हम हिंसा के हक में नहीं हैं. हिसा से कोई समाधान नहीं होगा."

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सभी पार्टियां एक राय हैं कि कृषि कानून वापस लो : सुखबीर बादल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान में रोष कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच, विपक्षी पार्टियां भी संसद में बजट सत्र (Budget Session) के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी में जुटी हैं. कृषि विधेयक के विरोध में एनडीए से नाता तोड़ने वाले अकाली दल ने किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को लेकर यह आंदोलन पूरे देश का आंदोलन है. उन्होंने सरकार पर देश के किसानों की आवाज को कुचलने का आरोप लगाया है. 

संसद परिसर में किसानों को लेकर अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "यह आंदोलन पूरे देश का आंदोलन है. देश के किसानों की आवाज है, जिसको सरकार कुचलना चाहती है. देश की जनता इसको बर्दाश्त नहीं करेगी. कोर्ट ने कहा था ये उनका अधिकार है- बैठने का." 

बादल ने कहा, "हम सबसे पुराने दोस्त थे, कानून को लेकर उनका साथ छोड़ दिया. हम हिंसा के हक में नहीं हैं. हिसा से कोई समाधान नहीं होगा. सरकार अब डंडा लेकर जो शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं उनकी आवाज को दबा रही है. ये सहन नहीं होगा. यह एक कम्युनिटी की आवाज नहीं है. पंजाब से लेकर केरल तक किसान प्रोटेस्ट कर रहे हैं.  

शिरोमणि अकाली दल के नेता ने कहा कि सभी पार्टियां एक राय हैं कि कृषि कानून वापस लो. विरोध करने वाले मुठ्ठी भर लोग नहीं हैं. सरकार इनसे बात क्यों कर रही है, अगर इतने कम लोग हैं. किसान देश का अन्नदाता है. किसान खुश है तो देश तरक्की करेगा. अगर किसान को दबाओगे तो देश के लोग बर्दाश्त नही करेंगे. किसान शांति मानने वाले लोग हैं. जान देकर देश के लिए अन्न पैदा किया. देश के लिए अपनी कुर्बानी दी है.   

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