अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लगे लॉकडाऊन और आने वाले समय में कोरोना के नए लहर के अंदेशे को देखते हुए भारत की जीडीपी की रफ़्तार मार्च में अनुमानित 11% से घटकर 9.5% कर दिया है. साथ ही, ग्लोबल इकनोमिक रिसर्च एजेंसी ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स ने भी आगाह किया है की भारत में टीकाकरण की रफ़्तार कम है और ऐसे में राज्य सरकारों द्वारा तेज़ी से अनलॉक करने से कोरोना के मामलों के फिर बढ़ने का खतरा है. कोरोना की दूसरी लहर से कमज़ोर पड़ी अर्थव्यवस्था पर अब महामारी की नयी लहर को लेकर बढ़ते अंदेशा का साया गहराता जा रहा है.
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ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैण्डर्ड एंड पुअर ग्लोबल रेटिंग्स ने आपने ताज़ा आंकलन रिपोर्ट में 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था की अनुमानित रफ्तार मार्च के अनुमानित 11% से घटकर 9.5% रह जाएगी. अप्रैल-मई में लॉकडाऊन की वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं हैं. कोरोना महामारी की नयी लहर की आशंका से अर्थव्यवस्था पर खतरा फिर बढ़ सकता है.
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उधर ग्लोबल इकनोमिक फोरकास्टिंग एजेंसी ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना मामलों में गिरावट के बाद राज्यों ने लॉकडाऊन में छूट देना शुरू किया है. लेकिन आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण ज्यादा आबादी वाले राज्यों में टीकाकरण रेट अभी भी कम है. हमें लगता है की ये reopening strategy विवेकपूर्ण नहीं है क्योंकि इससे कोरोना इन्फेक्शन के मामलों में फिर बढ़ोतरी हो सकती है. इसे देखते हुए हमने 2021 के लिए ग्रोथ फोरकास्ट 9.1%. बरक़रार रखा है.
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