विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोविडशील्ड को वैक्सीन पासपोर्ट में शामिल करने का मुद्दा EU के टॉप अधिकारी के सामने उठाया

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यूरोपीय संघ (EU) के COVID-19 टीकाकरण पासपोर्ट में कोविशील्ड को शामिल करने का मामला संघ के शीर्ष अधिकारी के सामने उठाया.

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यूरोपीय संघ के टॉप ऑफिसियल जोसेप बोरेल फोंटेल्स के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर
मटेरा (इटली):

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यूरोपीय संघ (EU) के COVID-19 टीकाकरण पासपोर्ट में कोविशील्ड को शामिल करने का मामला संघ के शीर्ष अधिकारी के सामने उठाया. अधिकारी द्वारा इस मामले को आगे बढ़ाने का वादा किया गया है. बताते चलें कि सिर्फ चार वैक्सीन धारकों को यूरोपिय संघ के भीतर यात्रा करने की अनुमति दी गई है. EMA (यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी) द्वारा जिन वैक्सीन को मंजूरी दी गई है, उसमें कॉमिरनाटी ऑफ फाइजर वैक्सीनन बायोएनटेक कंपनी की, मॉडर्न, वेक्सजेरविरिया एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड और जॉनसन एंड जॉनसन्स की जेनसेन को शामिल किया गया है. 

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा निर्मित कोविशील्ड के साथ टीका लगाए गए लोगों को फिलहाल ग्रीन पास नहीं दिया गया है, क्योंकि EMA द्वारा इनके टीके को अभी मंजूरी नहीं दी गई है. विदेश मंत्री जयशंकर ने G-20 में विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल फोंटेल्स से मुलाकात की. इटली में हुई इस इस मुलाकात में उन्होंने कहा कि वह यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंधों की व्यापक समीक्षा की. उन्होंने ट्वीट किया कि यूरोप की यात्रा के लिए 'कोविशील्ड' के उत्पादन और पहुंच पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि इस मामले पर आगे पर नजर बनाए रखेंगे. 

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बताते चलें कि इस मामले को लेकर SII प्रमुख अदार पूनावाला भी आश्वासन जता चुके हैं, पिछले दिनों उन्होंने इस मसले को लेकर ट्वीट करते हुए लोगों को आश्वस्त किया था कि जल्द ही इसका समाधान कर लिया जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोविशील्ड वैक्सीन का विकास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका ने किया है और इसे पुणे स्थित वैक्सीन विनिर्माता द्वारा भारत में बनाया जा रहा है, EU एस्ट्राजेनेका, ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित वैक्सजेवरिया वैक्सीन को मंजूरी दे चुका है. 

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