भारत और पाकिस्तान के मध्य बढ़ते तनाव (India Pakistan Tension) के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार, 8 मई को अपने ईरानी समकक्ष अब्बास अरागची के साथ व्यापक वार्ता की. भारत और ईरान के बीच 20वीं संयुक्त आयोग बैठक में अपने ओपनिंग रिमार्क में विदेश मंत्री जयशंकर ने साफ शब्दों में कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ जारी तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता लेकिन अगर उसकी तरफ से कोई भी मिलिट्री एक्शन लिया जाता है तो इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि भारत कड़ा जवाब देगा. भारत के करीबी पार्टनर और पड़ोसी होने की वजह से आपको (ईरान को) स्थिति के बार में स्पष्ट समझ होनी चाहिए.
ईरान के साथ भारत के करीबी और मजबूत रिश्तों पर बोलने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने अब्बास अरागची से कहा
"आप ऐसे समय में भारत का दौरा कर रहे हैं जब हम 22 अप्रैल को भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में एक विशेष रूप से बर्बर हमले का जवाब दे रहे हैं. इस हमले ने हमें 7 मई को सीमा पार आतंकवादी ढांचे पर हमला करके जवाब देने के लिए मजबूर किया. हमारी प्रतिक्रिया लक्षित और मापी हुई थी. हमारा इरादा स्थिति को बिगाड़ना नहीं है. लेकिन अगर हम पर सैन्य हमले होते हैं, तो इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि बहुत ही कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी. एक पड़ोसी और करीबी पार्टनर के रूप में, यह महत्वपूर्ण है कि आपको स्थिति की अच्छी समझ हो."
गौरतलब है कि भारत-ईरान मैत्री संधि पर हस्ताक्षर की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर यह संयुक्त आयोग बैठक आयोजित की गई है. इस बैठक में दोनों देशों के बीच आपसी हितों के मुद्दों और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के आगे के तरीकों की समीक्षा की जाएगी. अगस्त 2024 में पदभार ग्रहण करने के बाद यह ईरानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा है. राजधानी दिल्ली के हैदराबाद हाउस में आयोजित इस बैठक में व्यापार, ऊर्जा, संपर्क और क्षेत्रीय सहयोग पर व्यापक चर्चा होगी.