भारत में कोरोना से बचाव के लिए तीसरी वैक्सीन Sputnik V के उपयोग को मंजूरी मिल गई है. रशियन डायरेक्ट इनवेस्ट फंड (RDIF) का मानना है कि रूसी वैक्सीन म्यूटेंट स्ट्रेंस के खिलाफ प्रभावी पाई गई है. पांच फार्मा कंपनी देश में Sputnik V का निर्माण करेंगी और एक साल में करीब 850 मिलियन डोज का उत्पादन किए जाने की संभावना है. सीमित मात्रा में रूसी वैक्सीन के डोज अप्रैल माह के अंत में उपलब्ध होंगे. RDIF के सीईओ किरील दिमित्रीव ने NDTV से खास बातचीत में कहा, 'Sputnik V, ब्रिटेन के स्ट्रेन और मूल वायरस के खिलाफ उसी तरह से प्रभावी है जिस तरह कोरोना की अन्य दूसरी वैक्सीन हैं. Sputnik V के निर्माता कोरोना वायरस के म्यूटेशन बदलने से अवगत थे और इस वैक्सीन को ऐसी समस्याओं के लिए सर्वश्रेष्ठ सॉल्यूशन में एक आंका जा रहा है जो आगे और बेहतर होती जाएगी.'
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उन्होंने कहा, 'वैसे हमारा मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के स्ट्रेन के खिलाफ इसकी प्रभावशीलता (Efficacy) कुछ कम हो सकती है लेकिन इसके बावजूद यह अभी भी लोगों का कोरोना से बचाव कर रही है.' Sputnik V की म्यूटेंट पर प्रभावशीलता का इस बात से चलता है कि यह दुनिया की एकमात्र ऐसी वैक्सीन है जो म्यूटेंट और मूल वायरस दोनों के खिलाफ काम कर सकती है. हमें यकीन हैं कि हम लोगों में ऐसी इम्युनिटी विकसित कर सकते हैं जो लंबे समय तक बरकरार रहे.'
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किरील दिमित्रीव ने कहा, 'म्यूटेशन के खिलाफ वैक्सीन का कॉकटेल काफी प्रभावी साबित हुआ है लेकिन जल्द ही हम इसमें ऐसे सुधार करेंगे कि SputnikV वैक्सीन, अन्य सभी मौजूदा म्यूटेशन पर भी अधिक कारगर साबित हो. ' उन्होंने कहा कि यह सब अगले कुछ माह में हो जाएगा. गौरतलब है कि भारत में यूके, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील वेरिएंट के केसों की संख्या में पिछले कुछ माह में लगातार इजाफा हो रहा है. पंजाब में मिले ताजा कोरोना केसों में से 80 फीसदी में यूके वेरिएंट पाया गया है. नए डबल म्यूटेंट के केस देश के कुछ अन्य हिस्सों में पाए गए हैं. महाराष्ट्र के करीब 20 फीसदी केसों में यह पाया गया है. देश में कोरोना संक्रमण का महाराष्ट्र Epicenter है. कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली और पंजाब के लोगों से लिए गए सैंपल में भी नया वेरिएंट पाया गया है.